अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 8 बच्चों की मौत से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य मंत्री ने किया दिल्ली दौरा रद्द
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अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 8 बच्चों की मौत से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य मंत्री ने किया दिल्ली दौरा रद्द

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 8 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चों की मौत के मामले को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने गंभीरता से लिया है. 

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 8 बच्चों की मौत से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य मंत्री ने किया दिल्ली दौरा रद्द

अंबिकापुर: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 8 बच्चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चों की मौत के मामले को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने गंभीरता से लिया है. मंत्री सिंह देव दिल्ली से विशेष विमान से अंबिकापुर पहुंचने वाले हैं. वहीं इस मामले की जांच के लिए सिंह देव के निर्देश पर कांग्रेस का एक डेलिगेशन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच वार्ड में पहुंचा था. इस दौरान श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद, वन औषधी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, मेयर अजय तिर्की मौजूद थे.

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दरअसल अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते रात चार बच्चों की संदेहास्पद मौत हो गई थी. इन बच्चों का इलाज अस्पताल के एसएनसीयू मे चल रहा था. इन 5 बच्चों में से 3 बच्चे ऐसे थे जो दूसरे जिले के थे. जिन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराने में पहले ही देरी हो चुकी थी. बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने इलाज मे लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर विरोध जताया है. वहीं  SNCU की डॉ सुमन के मुताबिक अब तक 8 बच्चों की मौत हो चुकी हैं, जिसमें 5 बच्चे की मौत 16 तारीख को हुई है.

लोगों ने किया चक्का जाम
मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में अव्यवस्थाओं को लेकर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. जिसके विरोध में परिजनों ने एमसीएच अस्पताल के सामने सड़क चक्का जाम कर दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन की समझाइश के बाद परिजनों का गुस्सा शांत हुआ.

इधर चिकित्सकों का कहना था कि अनमैच्योर बच्चों की जान बचाने के लिए काफी प्रयास किया गया बावजूद इसके उनकी मौत हो गई है. वहीं श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन पर निगरानी रखने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा. यदि भी परिजनों द्वारा किसी भी स्टाफ की शिकायत की जाती है तो उनकी शिकायत पर त्वरित कार्यवाही होगी.

बच्चे के अभिभावक ने जताया विरोध
जिन चार बच्चों की मौत हुई, उसमें से एक बच्चे के पिता महेश कुमार जायसवाल ने रोत बिलखते हुए अस्पताल मौजूद कर्मचारी पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. जायसवाल ने बताया कि उसके बच्चे के इलाज के दौरान उस निजी अस्पताल मे भर्ती करने का दबाव बनाया जा रहा था. बच्चे को हर घंटे में मां का दूध पिलाने को कहा था, जब मां का दूध टिफिन में डालकर दिया तो उसे पिलाया नहीं गया. दूध वैसा का वैसा ही रहा और इन्होंने पाउडर का दूध पिला दिया.

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चरमरा गई व्यवस्था 
बच्चों की मौत के मामले में अब राजनीति भी तेज हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. पिछले 3 सालों से स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी मशीने धूल खाती रखी हुई है. जिसे अब तक चालू नहीं किया जा सका है. घटना के बाद स्वास्थ्य मंत्री के दिल्ली से अंबिकापुर लौटने के मामले में शिवरतन शर्मा ने कहा कि ये उनका निर्वाचन क्षेत्र है और एक जनप्रतिनिधि होने के नाते वो वहां पहुंच रहे हैं, ये अच्छी बात है.

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