बिलासपुर: एक शिक्षक की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के गलत और देरी से मिलने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. अपनी पैरवी खुद पीड़ित शिक्षक ने की. इस दौरान हिंदी में की गई उनकी पैरवी को कोर्ट ने बड़े ध्यान से सुना.


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फर्जी शिकायत का मामला
याचिकाकर्ता संजय कुमार पांडे पेशे से शिक्षक हैं. नांदघाट गांव के सरपंच और अन्य राजनैतिक रसूखदारों के दबाव में उनके खिलाफ झूटी एफआईआर दर्ज की गई है. इसी मामले की जानकारी जुटाने के लिए वो महीनों से भटक रहे हैं. जब उन्हें आरटीआई से मदद नहीं मिली तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी.


कोर्ट ने हिंदी में सुनी याचिका
जस्टिस पी सेम कोशी ने हिंदी में याचिकाकर्ता की गई पैरवी को पूरा सुना. इसके बाद हाईकोर्ट ने यह निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के प्रकरण के तथ्यों और परिस्थितियों के गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाये. कोर्ट ने विलंब करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की छूट भी दी है.


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48 घंटे में है जानकारी देने का प्रावधान
शिक्षक ने जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए खुद पर दर्ज एफआईआर की कॉपी मांगी थी. इस पर थाना प्रभारी ने रौब दिखाकर जानकारी देने से मना कर दिया. बता दें सूचना का अधिकार कानून में जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी जानकारी 48 घंटे में देने का प्रावधान है.


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