बदल रही छत्तीसगढ़ नक्सल क्षेत्र की तस्वीर, बम-बंदूक-गोली वाले इलाके में तैनात डॉक्टर ने पास की UPSC परीक्षा
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बदल रही छत्तीसगढ़ नक्सल क्षेत्र की तस्वीर, बम-बंदूक-गोली वाले इलाके में तैनात डॉक्टर ने पास की UPSC परीक्षा

बीजापुर के डॉक्टर संतोष को यूपीएससी में 607वीं रैंक हासिल हुई है.

डॉक्टर संतोष भवरी ने पास की यूपीएससी की परीक्षा

पवन दुर्गम/बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीर अब बदल रही है. क्योंकि बम-बंदूक और गोली के लिए अपनी पहचान रखने वाले इन क्षेत्रों के युवा अब शिक्षा की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि यह क्षेत्र अब नक्सलगढ़ से शिक्षागढ़ ओर बढ़ चले हैं. हाल ही में एक बीजापुर जिले के एक छात्र ने छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा में टॉप किया था. जबकि अब बीजापुर में पदस्थ एक डॉक्टर का संघ लोक सेवा आयोग में चयन हुआ है. 

6वें प्रयास में मिली सफलता 
बीजापुर जिला शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ रहा है. हालिया छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में बीजापुर से अजय मोडियम और कृतिका प्रधान का चयन हुआ है. अब यहां जिला हॉस्पिटल में चर्म रोग विशेषज्ञ और कुष्ठ रोग निवारण के नोडल अधिकारी संतोष भवरी का संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में चयन हुआ है.  संतोष का संघ लोक सेवा आयोग में छठवां प्रयास था. इससे पहले तीन बार वह यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुंचे हैं. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी. लेकिन अपने छटवें प्रयास में अब उन्हें सफलता हासिल हुई है. 

607 वीं रैंक 
संतोष को यूपीएससी की 607वीं रैंक हासिल हुई है. जिसके आधार पर उनका चयन आईआरएस में होना तय है. लेकिन संतोष संघ लोक सेवा आयोग के सिरमौर पद यानी IAS को क्रेक करना चाहते हैं. इसलिए वह आगे भी अपना प्रयास जारी रखेंगे. 

मेहनत से की पढ़ाई 
संतोष बताते हैं कि वह आंध्रप्रदेश के छोटे से गांव कंडियम, श्रीकाकुलम जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने कहा कि गरीब परिवार से होने के चलते उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा है. ओबीसी वर्ग और कम संसाधनों के बीच उन्होंने पढ़ाई की है. संतोष ने बताया कि आज भी उनके गांव तक पक्की सड़क भी नहीं है.  लेकिन गांव, ब्लॉक और जिले के साथ देश की सेवा करना मेरा सपना है. इसलिए इस सफलता पर उन्हें बहुत खुशी है. 

खास बात यह है कि संतोष का चयन यूपीएसी में होने के बाद उनके परिजनों और गांव के लोगों में भी खुशी का माहौल है. संतोष ने बताया कि वह लगातार प्रयास कर रहे थे. आखिरकार इस बार उन्हें सफलता मिल गई. जो उनके परिजनों का उनके प्रति समपर्ण था. इसलिए कठिन परिस्थितियों में भी उन्हें किसी प्रकार की कोई कमी नहीं हुई. 

अजय मोडियम का हुआ था CGPSC में चयन 
संतोष से पहले बीजापुर जिले के ही अजय मोडियम नाम के छात्र का चयन CGPSC में हुआ था. अजय मोडियम ने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की थी. अजय ने पहले ही प्रयास में ओवर आल छत्तीसगढ़ में 98 वीं और ST रैंक में पहला स्थान अर्जित किया है. जिसके बाद अजय मोडियम का डिप्टी कलेक्टर बनना तय हो चुका है. अजय से पहले उसूर क्षेत्र से ही प्रीति दुर्गम, हिमांशु दुर्गम, सत्येंद्र के जी और अर्चना दुर्गम छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग से चयनित हैं जो प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. जबकि अब अजय ने भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. 

यानि छत्तीसगढ़ का जो इलाका नक्सलगढ़ के रूप में जाना जाता था, अब वह वही इलाका शिक्षागढ़ में तब्दील होता जा रहा है. संतोष खुद कहते हैं कि नक्सल विचारधारा को छोड़ने में केवल शिक्षा ही सबसे बड़ा काम कर सकती है. शिक्षा ही नक्सलवाद को खत्म कर सकती है. 

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