खैरागढ़ उपचुनाव: सीएम बघेल बोले हाईकमान तय करेगा प्रत्याशी, इतने नामों पर हुई चर्चा
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खैरागढ़ उपचुनाव: सीएम बघेल बोले हाईकमान तय करेगा प्रत्याशी, इतने नामों पर हुई चर्चा

छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब तक तीन उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से तीनों सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है.

खैरागढ़ उपचुनाव: सीएम बघेल बोले हाईकमान तय करेगा प्रत्याशी, इतने नामों पर हुई चर्चा

रायपुर: खैरागढ़ उपचुनाव का बिगुल बजने के साथ राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में लग गए हैं. बीजेपी-कांग्रेस में प्रत्याशी चयन और तैयारियों को लेकर मंथन का दौर जारी है. मंगलवार को कांग्रेस चुनाव समिति की अहम बैठक बुलाई गई. इसमें संभावित दावेदारों के नामों पर मंथन किया गया. बैठक में टिकट के लिए कई नाम सामने आए हैं. कुछ नामों के पैनल को सिलेक्ट करने के बाद उन्हें हाईकमान के पास भेज दिया गया है. 

हाईकमान को भेजी जाएगी सूची
बैठक से बाहर निकलते ही सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि बैठक में उपचुनाव जीतने को लेकर रणनीति भी बनाई गई. उन्होंने बताया कि अब तक 23 से 24 उम्मीदवारों के आवेदन आए हैं. 7 नामों पर बहुत गंभीरता से विचार किया गया है. सूची हाईकमान को भेजी जाएगी. प्रत्याशी को लेकर अंतिम फैसला हाईकमान ही करेगा.

अब तक तीन उपचुनाव जीत चुकी है कांग्रेस
छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार बनने के बाद बीते 3 सालों में दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही विधानसभा उप चुनाव हुए है. इन तीनों सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई और विधासभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 70 पहुंच गई. अब इस संख्या को 71 करने के लिए कांग्रेस संगठन हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.

ये है चुनाव का कार्यक्रम

  • उपचुनाव की प्रक्रिया 17 मार्च को अधिसूचना के प्रकाशन से शुरू होगी
  • 17 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी
  • नामांकन की आखिरी तारीख 24 मार्च निर्धारित की गई है
  • 25 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी
  • 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपने नाम वापस लेने का मौका दिया जाएगा
  • मतदान 12 अप्रैल को और 16 अप्रैल को मतगणना और परिणाम जारी होंगे

देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुई थी सीट
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के देवव्रत सिंह ने इस सीट पर भाजपा की कोमल जंघेल को 870 वोटों के अंतर से हराया था. नवंबर 2021 में देवव्रत सिंह का निधन हो गया. इसके बाद से यह सीट खाली है.

जीत के लिए जुटे तीनों दल
भाजपा हर हाल में यह सीट जीतने की कोशिश में हैं, ताकि स्थानीय उपचुनाव में हार का सिलसिला तोड़ा जा सके. वहीं कांग्रेस इस सीट को अपने खाते में जोड़ने के लिए जमीनी तैयारियां शुरू कर चुकी है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी सीट को बरकरार रखने की कोशिश में है.

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