मृत पैदा हुए बच्चे की लौटी सांसें! महतारी एक्सप्रेस के स्टाफ ने कर दिखाया चमत्कार
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मृत पैदा हुए बच्चे की लौटी सांसें! महतारी एक्सप्रेस के स्टाफ ने कर दिखाया चमत्कार

धमतरी में सोमवार को महतारी एक्सप्रेस के स्टाफ ने कमाल कर दिया. उन्होंने मां के गर्भ से मृत पैदा हुए बच्चे को कार्डिएक मसाज और सीपीआर देकर अनहोनी टाल दिया.

मृत पैदा हुए बच्चे की लौटी सांसें! महतारी एक्सप्रेस के स्टाफ ने कर दिखाया चमत्कार

धमतरी: जिले के केकरा खोली गांव में महतारी एक्सप्रेस स्टाप की कोशिश ने रंग लाई है. यहां मां की गर्भ से जन्मा मृत बच्चा सांसे लेने लगा. बच्चे के जन्म को 5 मिनट से ज्यादा का समय हो गया था. वो सांसे नहीं ले रहा था और न ही रो रहा था. ऐसे में परिजन उसे मृत समझ बैठे से. ऐसे में 102 एंबूलेंस स्टाप के प्रयास से कार्डिएक मसाज और सीपीआर के जरिए बच्चे की सांसे लौट आने किसी चमत्कार से कम नहीं है.

मामला धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक के केकरा खोली गांव की है. सुदूर जंगलों के बीच बसे इस गांव में रहने वाली कुलेश्वरी को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई. घरवालों ने गांव की मितानिन को बुलाया, जिसने प्रशव कराया, लेकिन कुलेश्वरी की बच्ची की न सांसें चल रही थी और न ही धड़कन. इसी बीच महतारी एक्सप्रेस भी गांव पहुंची गई. यहां लोगों ने स्टाप को बच्चे के हालात के बारे में बताया.

मौके पर पहुंची महतारी एक्सप्रेस
महतारी एक्सप्रेस स्टाप ने क्रिटिकल स्थिति को देखते हुए फौरन जच्चा और बच्चा दोनों को एम्बुलेंस के जरिए धमतरी जिला अस्पताल के लिए लेकर रवाना हो गए. बच्चे के हालात को देखकर महतारी एक्सप्रेस का स्टाप भी काफी परेशान था. इस बीच ईएमटी सरजू राम साहू अहम भूमिका निभाते हुए अपनी ट्रेनिंग का उपयोग किया और बच्ची की सांसे लौटा लाई.

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ऐसे बचाई बच्चे का जान
ईएमटी सरजू राम साहू ने बच्चे को मुंह से सांस दिया. उसने बच्चे के नाक में भरे पानी को निकाला जिससे श्वास नली खुल गई फिर सीपीआर किया. यानी मुह से मुंह जोड़ कर सांस दिया और कार्डिएक मसाज करने लगा. थोड़ी देर की कोशिश में ही बच्चे की धड़कन शुरू हो गई वो सांस लेने लगा और रोने भी लगा. बच्चे को हरकत करता देख सभी की जान में जान आई.

पहले से प्रशिक्षित होता है स्टाप
फिलहाल बच्चे को जिला असपताल में एसएनसीयू वार्ड में ऑक्सिजन सपोर्ट पर रखा गया है. डॉक्टरों ने मां और बच्चे दोनों का हालत स्थिर बताई है. उम्मीद है वो जल्द सामान्य हो जायेगा. CMHO डॉ डीके तुर्रे ने बताया कि हमारा 102 स्टाफ इस तरह की इमेजेन्सी के लिए पहले से प्रशिक्षित किया जाता है. उन्होंने इस केस को लेकर अपने स्टाप की सराहना की है.

ये चमत्कार है!
बता दें बच्चे के जन्म के बाद के पहले 5 मिनट काफी महत्वपूर्ण होते हैं. बच्चा पैदा होते ही न रोए या सांस न ले तो फौरन सीपीआर देकर उसको बचाया जा सकता है. अगर 5 मिनट से ज्यादा का वक्त बीत जाए तो बच्चे के रिवाइवल और सर्वाइवल के चांस कम होते जाते हैं. कुलेश्वरी के प्रसव के मामले में 5 मिनट से ज्यादा का वक्त हो चुका था, फिर भी बच्चा बच गया. ये किसी चमत्कार से कम नहीं हैं.

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