डीएफओ आवास के कर्मचारियों को 2 साल से नहीं मिला वेतन, साहब ने कहा 'जिसने काम कराया उससे मांगों'
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डीएफओ आवास के कर्मचारियों को 2 साल से नहीं मिला वेतन, साहब ने कहा 'जिसने काम कराया उससे मांगों'

बलरामपुर जिले में डीएफओ (divisional forest officer) बंगले में काम करने वाले 10 कर्मचारियों को दो साल से वेतन नहीं मिल पाया हैं. 

दफ्तर के बाहर कर्मचारी

बलरामपुर: बलरामपुर जिले में डीएफओ (divisional forest officer) बंगले में काम करने वाले 10 कर्मचारियों को दो साल से वेतन नहीं मिल पाया हैं. कर्मचारी अपने वेतन के लिए शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके है, लेकिन उनकी सुनवाई अब तक नहीं हो पाई है. अब इस मामले में भाजपा के जनप्रतिनिधि भी कर्मचारियों के सपोर्ट में आगे आये हैं. वहीं डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने पूरे मामले में कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं.

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दरअसल पूरा मामला जिला मुख्यालय में स्थित डीएफओ के सरकारी निवास से जुड़ा हुआ है. जहां पर दो वर्ष पूर्व जिले के तत्कालीन डीएफओ प्रणय मिश्रा के शासकीय आवास पर 10 कर्मचारियों को मजदूरी दर पर बंगले के देखरेख और रखरखाव के लिए रखा गया था. जिसमें से माली, कुक, गार्ड और चौकीदार का काम कर्मचारियों ने किया था. लेकिन वर्ष 2020 में जिले में एक हाथी की मौत के बाद तत्कालीन डीएफओ को राज्य सरकार ने जिले से हटाकर रायपुर बुला लिया था. जिसके बाद डीएफओ बंगले में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का मजदूरी भुगतान रुक गया था.

घर की आर्थिक स्थिति खराब हुई
डीएफओ बंगले में कुक के पद पर काम करने वाली एक विधवा महिला ने बताया कि उसके घर मे परिवार को चलाने की जिम्मेदारी खुद महिला के ऊपर है. लेकिन उसको दो वर्ष काम करने के बाद भी उसकी मजदूरी नहीं मिल पाई है. जिसके कारण परिवार की आर्थिक स्थित खराब हो गई है. अपने मजदूरी भुगतान को लेकर तमाम आला अधिकारियों के पास गुहार लगा चुकी है. लेकिन अभी तक कही भी उसकी सुनवाई नहीं हुई है.

बच्चों की पढ़ाई पर असर
कर्मचारियों ने बताया कि समय पर मजदूरी नहीं मिलने से घर मे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी बुरा असर पड़ा है और इसके साथ ही पैसा नहीं होने से लडक़ी की शादी भी नहीं कर पा रहे है. वर्तमान डीएफओ से मजदूरी मांगते है तो उनका कहना हैं कि मेरे समय नहीं है. जो आपसे काम करवाया आप उसी से पैसा मांगिये. इसलिए हम लोग अपने मजदूरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

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सांसद ने बढ़ाया मदद का हाथ
वहीं मामले में अब राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम के जिला प्रतिनिधि धीरज सिंह देव कर्मचारियों के सहयोग के लिए आगे आये हैं. उन्होंने कहा है कि डीएफओ का कर्मचारियों के प्रति ऐसा रवैया शर्मनाक है. कर्मचारी अगर सरकारी आवस में काम किये है तो उनको उनकी मजदूरी मिलनी चाहिए और वो कर्मचारियों की अपने हक की लड़ाई में उनके साथ है.

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