कोर्ट में बोले GP सिंह- ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस, रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने का था दबाव
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कोर्ट में बोले GP सिंह- ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस, रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने का था दबाव

पुलिस 18 जनवरी की दोपहर 2 बजे तक कोर्ट में जीपी सिंह को पेश करेगी. वहीं मामले को लेकर जीपी सिंह ने कहा कि जांच में पूरी तरह से सहयोग किया जा रहा है. जो भी सवाल हैं सभी का जवाब दिया जा रहा है. उन्होंने पूरी कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया.

18 जनवरी को होगी अगली पेशी

चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: छत्तीसगढ़ के निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को आज पुलिस रिमांड खत्म होने पर विशेष मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल की कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक बहस हुई. जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि कोर्ट में जांच में सहयोग न करने की बात कही गई. जबकि जीपी सिंह जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे है. पुलिस ने कोर्ट से 5 दिन की रिमांड मांगी गई थी. कोर्ट ने पुलिस को 4 दिन की रिमांड दी है. 

पुलिस 18 जनवरी की दोपहर 2 बजे तक कोर्ट में जीपी सिंह को पेश करेगी. वहीं मामले को लेकर जीपी सिंह ने कहा कि जांच में पूरी तरह से सहयोग किया जा रहा है. जो भी सवाल हैं सभी का जवाब दिया जा रहा है. उन्होंने पूरी कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया.

अदालत से बाहर आते ही खोला राज
अदालत से बाहर आते हुए जीपी सिंह ने कहा ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है, मैं शुरू से कह रहा हूं. नागरिक आपूर्ति निगम की जांच कर रहा था तब गवाहों को हॉस्टाइल करने को कहा गया, इस मामले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने का दबाव बनाया गया (रमन सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और वीणा सिंह उनकी पत्नी). पुलिस जांच में सहयोग न करने के सवाल पर जीपी सिंह ने कहा मैंने खुद कहा है, रिमांड जितनी चाहिए ले लो, और 15 दिन चाहते हैं तो ले लो. कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि दो दिन पहले कोर्ट में पेशी के दौरान जीपी सिंह कह चुके हैं कि जो FIR उनके खिलाफ दर्ज की गई है वो पूरी तरह से गलत है. जिस संपत्ति जिक्र FIR में उनके नाम की बताई जा रही है वो उनकी नहीं है और ना ही उनका उससे कोई लेना-देना है. उन्होंने तब कहा था कि ये पूरा केस फैब्रीकेटेड (रचा हुआ) है.

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18 जनवरी को पेशी
आज पेशी के बाद जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडे ने बताया कि जीपी सिंह की रिमांड पर हमें कोई आपत्ति नहीं है, अदालत ने 18 तारीख दोपहर दो बजे तक उन्हें रिमांड पर भेजा है. रिमांड अवधि पूरी होगी तो जमानत का आवेदन करेंगे. जीपी सिंह के वकील ने भी उन पर लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित प्रकरण बताया है. 

कैसे शुरू हुई थी GP Singh के खिलाफ जांच?
छत्तीसगढ़ ईओडब्लू (Chhattisgarh EOW) ने 1994 बैच के IPS जीपी सिंह के खिलाफ पिछले 29 जून 2021 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद 1 जुलाई से 3 जुलाई तक उनके और उनके करीबियों के करीब 15 ठिकानों छापे मारे गए थे. कार्रवाई में 10 करोड़ रूपए की संपत्ति का पता चला था. EOW की कार्रवाई के बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था.

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राजद्रोह का भी है मामला
सरकार के एक्शन के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला (sedition case) भी दर्ज किया था. पुलिस के मुताबिक छापों में जीपी सिंह और करीबियों के घरों से आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे. इसी के आधार पर उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला (sedition case) दर्ज किया गया था. आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के मामले में कोतवाली पुलिस 19 अगस्त को बिना गिरफ्तारी के कोर्ट पहुंच गई थी. अदालत में उस दिन पुलिस ने 400 पन्नों का चालान पेश किया था. कोर्ट में पेश किए गए चालान में दावा किया था कि IPS के रायपुर स्थित सरकारी बंगले पर प्रदेश के सभी विधानसभाओं की सर्वे रिपोर्ट मिली हैं.

इन मामलों में दर्ज है FIR
ईओडब्ल्यू रायपुर में भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति सहित अन्य कई मामलों में केस दर्ज है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि EOW और एसीबी ने पूछताछ की तो उन्होंने पूछताछ में सहयोग नहीं किया. उन्हें कई बार नोटिस भी दिया गया था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए. उसके बाद मामला कोर्ट में गया.

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