नक्सलियों के कारण थमे ट्रेनों के पहिए, हाई अलर्ट पर पुलिस
नक्सलियों के दमन विरोधी सप्ताह एवं आर्थिक नाकेबंदी के चलते जगदलपुर से व किरंदुल की यात्री ट्रेनें बंद कर दी गई हैं. इस मामले में पुलिस हाई अलर्ट पर आ गई है.
अविनाश प्रसाद/बस्तर: जगदलपुर-किरंदुल रेल मार्ग पर जगदलपुर से किरंदुल के बीच फिर से यात्री ट्रेनों को स्थगित कर दिया गया है. माओवादियों द्वारा आर्थिक नाकेबंदी और दमन विरोधी सप्ताह मनाने के ऐलान की वजह से आगामी 4 जुलाई तक किरंदुल के लिए यात्री ट्रेनें नहीं चलेंगी. इस दौरान माल गाड़ियों के भी प्रभावित होने की आशंका है लेकिन अब तक इसके लिए रेलवे ने आदेश जारी नहीं किया है.
26 से 27 जून को माओवादियों की दो दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी
किरंदुल से चलकर विशाखापट्टनम तक सफर करने वाले यात्रियों को फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. 26 से 27 जून को माओवादी दो दिवसीय आर्थिक नाकेबंदी मना रहे हैं जिसमें आमतौर पर यह देखा जाता है कि नक्सली रेल मार्गों पर हमला करते हैं और माल परिवहन बाधित करते हैं.
4 जुलाई तक ट्रेनें स्थगित
इसी आशंका के चलते रेलवे ने 2 दिनों के लिए यात्री ट्रेनों को जगदलपुर से किरंदुल के बीच स्थगित कर दिया है. इसके साथ ही 27 जून से 4 जुलाई तक दमन विरोधी सप्ताह भी माओवादी मनाने जा रहे हैं. रेलवे ने 4 जुलाई तक इन ट्रेनों को स्थगित किया है. इस तरह कुल 9 दिनों के लिए यात्री ट्रेनें किरंदुल के लिए नहीं जाएंगी. जगदलपुर से विशाखापट्टनम तक इन ट्रेनों का संचालन किया जाएगा.
आरपीएफ को भी अलर्ट रहने के निर्देश
यात्रियों को इससे मुश्किलें पेश आएंगी. पैसेंजर और विशाखापट्टनम किरंदुल नाईट एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन रोका गया है. यही नहीं, इसके साथ ही सभी स्टेशन मास्टरों को अलर्ट जारी करने के अलावा आरपीएफ को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. इस बात की भी संभावना है कि माल गाड़ियों को भी आर्थिक नाकेबंदी के दौरान रोका जाए. आमतौर पर रात में इनके परिचालन ने रोक लगाई जाती रही है पर फिलहाल रेलवे के अधिकारियों ने इस बाबत किसी भी आदेश के जारी होने की बात से इनकार किया है. किरंदुल लौह अयस्क खदान से विशाखापट्टनम के लिए रोजाना दर्जनों की संख्या में माल गाड़ियां लौह अयस्क का परिवहन करती हैं और इसी रूट पर यात्री रेल भी चलती है.
एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर सुंदर राज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि नक्सलियों द्वारा बंद कॉल किए जाने की वजह से एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. रेल मार्गों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. हालांकि आम जनता नक्सलियों के एक बंद का समर्थन नहीं करती लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर रेलवे संपत्ति और आम लोगों की सुरक्षा के लिहाज से पुलिस अलर्ट है और सघन सर्चिंग की जा रही है.