Bhutkachar village chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अतरंगी गांव है जहां 40-45 युवक-युवतियां शादी के लिए तैयार हैं लेकिन इनसे शादी करने वाला कोई नहीं है. इस गांव के कई लड़के-लड़कियां सालों से कुंवारे घूम रहे हैं. वजह है गांव का नाम और यहां कई सालों पहले घट चुकी घटना. उस एक घटना से आज भी इस गांव में डर का साया मंडराता रहता है. ना पिता अपनी बेटी को ब्याहना चाहता ना ही कोई बेटे की शादी कर दुल्हन घर लाना चाहता है. इस पूरे जड़ की फसाद है गांव भूतकछार जिसका नाम सुनकर ही हर किसी के पसीने छूटने लगते हैं.
लोरमी विधानसभा से 25 किमी की दूरी पर स्थित गांव भूतकछार आज भी पीढ़ियों का अभिशाप झेल रहा है. आलम ऐसा है कि यहां लगभग 40 से 45 युवक-युवतियां शादी के लिए तैयार हैं लेकिन इनसे शादी करने को कोई तैयार नहीं है.
सालों से इस गांव में लड़के और लड़कियां कुंवारे घूम रहे हैं. लड़के को दुल्हन नहीं मिल रही वहीं लड़कियों को दूल्हा नहीं मिल रहा है. यहां तक कि ना ही कोई अपनी बेटियां देता है और न ही यहां से ब्याह कर ले जाता है.
बताया जाता है कि कई साल पहले इस गांव में हैजा और चिकनपॉक्स की महामारी फैली थी जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गवाई थी. लोगों के घर से बच्चों सहित बड़ों की अर्थियां उठने लगी थी. हर घर से 2-3 लोगें के मरने की खबरें आने लगी थी.
गांव में होती रही दर्जनों मौत से गांव वाले इसे भूत-प्रेत का साया समझने लगे. तबसे इस गांव का नाम भूतकछार पड़ गया.
गांव में हो रही मौत की खबर इस कदर फैली कि बाकि के गांव वाले भूतकछार गांव से कटने लगे. आलम ऐसा कि अगल-बगल के गांव वाले इस गांव में जाना तो क्या रिश्ता जोड़ना भी बंद कर दिया. लोगों के मन में बस यही बात सताती थी कि भूतकछार में दैविक शक्ति, भूत-प्रेत का साया है जिसके चलते यहां लोगों की मौत हो रही है. इस घटना के बाद से कोई भी अपनी बेटी इस गावं में नहीं भेजना चाहता और न ही यहाँ से कोई बेटी जा पा रही है.
नाम का असर इस गांव पर ऐसा पड़ा कि कई युवक-युवतियों का रिश्ता सिर्फ भूतकछार नाम की वजह से टूट गया है. इससे परेशान ग्रामीण अफसरों से गांव का नाम बदलने की गुहार भी लगा चुके है. वे अपने गांव का नाम देवगढ़ रखने की भी गुजारिश भी कर चुके हैं.
गांव पर लगे शादी के ग्रहण से कई युवक-युवतियां इस परेशानी से जूझ रहे हैं. बेटे-बेटियों की शादी की राह देखते-देखते माता-पिता की आंखे भर आती हैं. बेटे-बेटियों की उम्र भी बढ़ती जा रही लेकिन ना ही गांव का नाम बदला ना ही लोगो के मन में बसा डर.
डिस्क्लेमर: यहां बताई गई सभी बातें मीडिया रिपोर्ट्स और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और काल्पनिक चित्रण का ZEEMPCG हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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