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स्कूल बनी छत्तीसगढ़ की ये सेंट्रल जेल, पहली से लेकर ग्रेजुएशन तक हो रही है पढ़ाई

Prisoners Getting Education in Raipur-छत्तीसगढ़ में एक ऐसी सेंट्रल जेल देश की एक ऐसी जेल है जो बाकी जेलों के लिए बड़ा उदाहरण बनी हुई है.  यह जेल इसलिए खास है क्योंकि यहां कैदियों को कक्षा पहले से लेकर एमए तक की पढ़ाई कराई जा रही है. इस जेल में 291 कैदी हैं जो नियमित पढ़ाई कर रहे हैं. 

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राजधानी रायपुर की सेंट्रल जेल में कैदियों को पढ़ाई कराई जा रही है. इस जेल में कैदी पहली कक्षा से लेकर एमए तक की पढ़ाई कर रहे हैं, जेल में करीब 291 कैदी ऐसे हैं जो पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं. 

 

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इन सभी कक्षाओं की परीक्षा के लिए संबंधित शिक्षा संस्थानों बोर्ड-विश्वविद्यालय ने रायपुर सेंट्रल जेल में परीक्षा केंद्र भी बना लिया है. कक्षाओं से संबंधित जेल में करीब 11 हजार 663 पुस्तकें भी लाइब्रेरी में रखी गई हैं. 

 

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जेल के अफसरों का मानना है कि यहां शिक्षा लेने वाले कैदी शायद ही दोबारा अपराध करें और शायद ही उनमें दोबारा अपराध करने की प्रवृत्ति आए. जेल के सभी कैदी नए-पुराने पाठ्यक्रमों से पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षा के माध्यम से जेल में कैदियों की जिंदगी को बदलन का प्रयास किया जा रहा है.

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जेल में भारत साक्षरता मिशन के तहत 39 बंदी परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं. साथ ही प्राथमिक और माध्यमिक कक्षा में 72 से ज्यादा कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. जबकि बीए और एमए में 100 से ज्यादा कैदी हैं. 

 

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इसके अलावा इग्नू के अनेख पाठ्यक्रमों में भी सैकड़ों कैदी पढ़ाई कर रहे हैं. जेल में शिक्षकों के अलावा अलग-अलग महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ भी कैदियों का मार्गदर्शन करते हैं. 

 

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जेल में अध्ययनरत कैदियों को परीक्षा देने बाहर नहीं जाना पड़े इसलिए चार शैक्षिक संस्थाओं ने रायपुर सेंट्रल को स्थाई परीक्षा केंद्र बनाया है. राज्य ओपन स्कूल एन.आई.ओ.एस, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यमंडलम, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की मान्यता मिली है.

 

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