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Unique Wedding Tradition: ना सोने-चांदी ना कैश, यहां दहेज के नाम पर ऐश करने के लिए दिए जाते हैं जहरीले सांप! जानिए परंपरा


Bizarre Wedding Tradition: अभी तक आप शादियों में दहेज के नाम पर महंगे-महंगे तोहफे जैसे बाइक, फॉर्चूनर, ऑडी, कैश या सोने-चांदी के जेवरात देते हुए सुना या देखा होगा. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के लोग दहेज में अपने दामाद को जहरीले सांप देते हैं. अगर लड़के के घर वाले इसे लेने से मना कर दे तो शादी टूट जाती है. आइए जानते हैं ये अजीबो-गरीब रिवाज आखिर होता कहां है.

 

जानिए रिवाज

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जानिए रिवाज

दरअसल, हम जिस समुदाय की बात कर रहें हैं, वो छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिले कवर्धा में पाई जाती है. यहां संवरा आदिवासी समाज के लोग अपने बहन-बेटी की शादी में महंगे तोहफे जैसे बंगला, गाड़ी, कैश या कोई कीमती वस्तु नहीं देते, बल्कि वे दहेज में एक से एक जहरीले सांप देते हैं.

 

लड़के द्वारा की जाती है सांपों की डिमांड

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लड़के द्वारा की जाती है सांपों की डिमांड

संवरा आदिवासी समाज (सपेरों)  में यह विचित्र परंपरा सदियों से चली आ रही है. जानकारी के मुताबिक, जब शादी के बातचीत होती है, तब लड़के पक्ष के लोग लड़की पक्ष से अलग-अलग प्रजातियों के 9 सांप दहेज के तौर पर मांगते हैं.

 

इंतजाम नहीं होने पर टूट जाती है शादी

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इंतजाम नहीं होने पर टूट जाती है शादी

इसके लिए सापों का बकायदा करार किया जाता है. अगर लड़की पक्ष के लोग शादी के दौरान तय वक्त में इन सांपों का इंतजाम नहीं कर पाते हैं तो वर लड़का पक्ष शादी से इंकार भी कर सकता है.

 

बगैर 9 सांप नहीं होती शादी

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बगैर 9 सांप नहीं होती शादी

इस समाज के परंपरा के मुताबिक,  बेटी की शादी में कम से कम 9 जहरीले सांप देना जरुरी होता है. अगर 9 जहरीले सांपों का इंतजाम नहीं हो पाता तो शादियां नहीं होती हैं. 

 

मना करने पर भी नहीं होती शादी

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मना करने पर भी नहीं होती शादी

अगर किसी कारणवश लड़के पक्ष के लोग इन सापों को लेने से मना कर देते हैं तो लड़की पक्ष के लोग शादी नहीं करते हैं.

 

शादी के लिए इकठ्ठा करते हैं सांप

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शादी के लिए इकठ्ठा करते हैं सांप

जैसे आम लोग बेटी की शादी के लिए पैसे और कीमती वस्तुएं इकठ्ठा करके रखते हैं, वैसे ही इस कवर्धा जिले में पाए जाने वाले इस आदिवासी समुदाय के लोग बेटी की शादी के लिए ये लोग सांपों को इकठ्ठा करते हैं.

 

दहेज में क्यों दिए जाते हैं सांप?

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दहेज में क्यों दिए जाते हैं सांप?

कवर्धा जिले के नगर पंचायत बोड़ला के अंतिम छोर में संवरा परिवार की बस्ती है. इस समुदाय के लोगों के आय का मुख्य स्रोत सांप दिखाना है. ये लोग सांप घूम-घूमकर गांवों में सांप दिखाते हैं. इसके बदले इन्हें चावल-आटा समेत रोजी-रोटी के लिए कुछ पैसे मिल जाते हैं. इनके रिश्तेदार भी वनांचल क्षेत्र में रहते हैं. ये लोग मैदानी क्षेत्र में जाकर सांप से जुड़े काम करते हैं. इस समुदाय के लोग अपने बहन बेटियों को इसी लिए दहेज में सांप देते हैं ताकि वो अपना भरण पोषण कर सके. 

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