मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने NIA की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. सीएम बघेल ने ट्वीट कर लिखा है कि NIA इस मामले में जांच नहीं कर रहा है और ना ही उन्हें जांच करने दे रहा है. NIA किसे बचा रहा है.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित झीरम घाटी नक्सली हमला एक बार फिर सुर्खियों में आया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने NIA की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. सीएम बघेल ने ट्वीट कर लिखा है कि NIA इस मामले में जांच नहीं कर रहा है और ना ही उन्हें जांच करने दे रहा है. NIA किसे बचा रहा है.
NIA is neither investigating Jheeram massacre case nor it is allowing us to investigate.
Whom are they protecting??
My interview in The Hindu.https://t.co/2F3XmVm4JV
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 20, 2020
CM बघेल चाहते हैं मामले की जांच
बता दें कि सत्ता में आते ही भूपेश बघेल ने झीरम मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया था.कांग्रेस ने हमले की जांच से असंतुष्ट होकर हाई कोर्ट में 6 नए गवाहों की सुनवाई के लिए याचिका दायर की थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की. लेकिन दोनों ही अदालतों में उन्हें सफलता नहीं मिली.
सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार की याचिका के जवाब में कहा था कि मामले की अधिकारिक जांच समाप्त हो गई है. साथ ही आयोग ने कहा कि गवाहों को खुद आवेदन करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
हमले में मरने वालों के परिजन भी उठा चुके हैं NIA की जांच पर सवाल
झीरम घाटी हमले में मारे गए तमाम कांग्रेस नेताओं के परिजनों ने भी NIA की जांच पर सवाल उठाए थे. हमले में मारे गए उदय मुदलियार के परिवार के सदस्य जितेंद्र मुदलियार ने कहा था कि झीरम हमला कोई बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र था. जिसमें लीपापोती हुई है. NIA ठीक से जांच नहीं कर रही है.
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क्या है झीरम हमला?
साल 2013 में 25 मई के दिन ही झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं और उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. इस नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
झीरम घाटी नक्सली हमले में 32 लोगों की जान गई थी. दिग्गज कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा और तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल की इस हमले में मौत हो गई थी. यह हमला बस्तर जिले के दरभा इलाके के झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा काफिले पर हुआ था. आपको बता दें कि इस हमले को कांग्रेस सुपारी किलिंग करार देती है. कांग्रेस ने राज्य की सत्ता में आने के बाद दोबार इस नक्सली हमले की जांच शुरू कराई है.
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