छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार के बजट को क्यों कहा 'दिशाहीन बजट'?
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छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मोदी सरकार के बजट को क्यों कहा 'दिशाहीन बजट'?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए मोदी सरकार के बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ इस अंदाज में प्रतिक्रिया दी है. 

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कुछ इस तरह दिया बजट पर रिएक्शन.

रायपुर: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट (2020-2021) पेश कर दिया है. निर्मला सीतारमण ने भारत के इतिहास में शायद पहली बार दो विकल्पों वाली टैक्स व्यवस्था का प्रस्ताव रखा है. यानी करदाता चाहें तो पिछले वित्तीय वर्ष के टैक्स स्लैब और कर छूट के साथ साल 2020-21 के लिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं या फिर बिना किसी कर छूट के नए टैक्स स्लैब के तहत भी कर दे सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किए मोदी सरकार के बजट को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. 
बजट पेश करते वक्त निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम एक टैक्सपेयर चार्टर बनाएंगे, जिसे क़ानूनी कवच दिया जाएगा. हमारी सरकार करदाताओं को भरोसा दिलाना चाहती है कि हम उनका किसी भी तरह से उत्पीड़न नहीं होने देंगे."

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बजट को दिशाहीन बजट बताया है. जी मीडिया से खास बातचीत में भूपेश बघेल ने कहा कि इस बजट से हमें पहले भी उम्मीद नहीं थी और हुआ भी यही. आगे बातचीत में बघेल ने कहा की इस बजट में ना किसानों को महत्व दिया गया है ना ही महिलाओं, युवाओं और जनजातियों पर ध्यान दिया गया है. यह बजट पूरी तरह दिशाहीन बजट है. उन्होंने कहा इस बजट से छत्तीसगढ़ के लोगों को भी कोई फायदा नहीं मिला. इतना ही बजट पेश होने के बाद भूपेश बघेल ने ट्वीट भी किया था. बजट पर उन्होंने लिखा था "शुतुरमुर्ग प्रवृत्ति का है जो मूलभूत समस्याओं से मुंह छिपाकर ख़ुश होना चाहता है.''

वहीं मध्यप्रदेश के मुखिया कमलनाथ ने भी इस बजट की तुलना जनता पर कुठाराघात, निराशाजनक, मायाजाल, हवाई सपने और दुर्गति जैसे शब्दों से की थी.

बजट की पांच महत्वपूर्ण बातें
- बैंकों में जमा आपकी पांच लाख रुपये तक की रकम अब बीमा से सुरक्षित है. पहले बीमा की ये सुरक्षा केवल एक लाख रुपये तक की जमा राशि पर ही लागू होती थी. पीएमसी बैंक के दिवालिया होने जैसी घटनाओं की स्थिति में आम लोगों की जमा राशि अब पहले से ज़्यादा सुरक्षित है.
- सरकार ने कहा है कि वो भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी.
- जल्द ख़राब होने वाले कृषि उत्पादों को बाज़ारों तक पहुंचाने के लिए किसान रेल और किसान उड़ान जैसी योजनाएं शुरू की जाएंगी.
- विदेशी जूते, फर्नीचर और इलाज के काम आने वाली मशीनों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जाएगी.
- साल 2024 तक 100 नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा.

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