आचार संहिता उल्लंघन मामला: BJP नेता प्रहलाद पटेल का नामांकन रोकने के लिए SC में याचिका दायर
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आचार संहिता उल्लंघन मामला: BJP नेता प्रहलाद पटेल का नामांकन रोकने के लिए SC में याचिका दायर

प्रहलाद पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी उपलब्धियों की किताब पत्रकारों को बांटी थी. जिसके बाद मामला दर्ज हुआ था.

आचार संहिता उल्लंघन मामला: BJP नेता प्रहलाद पटेल का नामांकन रोकने के लिए SC में याचिका दायर

नई दिल्लीः चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन में केस दर्ज होते ही उमीदवारों को नॉमिनेशन से रोकने की मांग है. दरअसल, कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में मध्य प्रदेश के दमोह से बीजेपी उम्मीदवार पहलाद पटेल को नॉमिनेशन से रोकने की भी मांग है. याचिकाकर्ता के मुताबिक पहलाद पटेल पर हाल ही में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ है. प्रहलाद पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी उपलब्धियों की किताब पत्रकारों को बांटी थी. जिसके बाद मामला दर्ज हुआ था.

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क्या है पूरा मामला
कोतवाली पुलिस ने सांसद प्रहलाद पटेल के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया था.प्रेसवार्ता के दौरान सांसद पटेल के निवास पर प्रतिवेदन नामक पत्रिका जानकारी जुटाने के लिए उपलब्ध कराईं गईं थीं. पुस्तक में मुद्रक का नाम और संख्या दर्ज नहीं थी, जिस पर दमोह विधानसभा क्षेत्र के उड़नदस्ता दल 55-दमोह के आवेदन पर यह कार्रवारई की गई है. एसडीएम रविंद्र चौकसे ने बताया था कि टीम ने इस संबंध में सांसद पटेल से पूछताछ की थी.पर्याप्त जानकारी नहीं मिलने पर यह कार्रवाई की गई है.उन्होंने बताया था कि पत्रिका छपवाने के दौरान उस पर मुद्रक का नाम और संख्या का उल्लेख होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. 

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इससे पहले मामला असंज्ञेय होने पर पुलिस ने सीजेएम से अनुमति ली और असंज्ञेय अपराध की सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी. इस मसले पर सांसद प्रहलाद पटेल ने सफाई दी थी कि प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने पत्रिका प्रतिवेदन का कोई उल्लेख नहीं किया था. जानकारी जुटाने के लिए कुछ लोग लेकर गए थे. मुझे यह पत्रिका 20 फरवरी को प्रधानमंत्री को जमा करनी थी, जो कि भेजी गईं हैं.जो पत्रिका बांटने की बात कही जा रही है, ये डेमो हैं और बहुत पहले प्रकाशित कराईं गईं थीं. चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है.

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