दमोह : साल 2018 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने वाले राहुल सिंह का इस वक्त दमोह में जरबदस्त विरोध हो रहा है. करीब 2 महीने पहले विधायक पद से स्तीफा देने और बीजेपी का दामन थामने के बाद आज जब वे पहली बार दमोह पहुंचे तो 'राहुल सिंह लोधी मुर्दाबाद' के नारों से दमोह गूंज उठा. कांग्रेसियों ने राहुल लोधी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर बवाल काटा. राहुल लोधी के दमोह वापस लौटने पर कांग्रेसियों ने काले झंडे दिखाते हुए उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इस दौरान कांग्रेसियों की पुलिस के साथ झूमाझपटी भी हुई. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने शहर के मुख्य चौहारों पर लगे राहुल लोधी के पोस्टरों पर कालिख भी पोती. स्थिति को अनकंट्रोल होता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है. 


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कांग्रेस नेता पहले से ही राहुल सिंह लोधी का विरोध करते आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले दमोह की दीवारों पर 'जिसने दिया है हमको धोखा सबक सिखा दो मिला है मौका, जिसको है पैसों से मोह, उसका साथी नहीं दमोह, दलबदलू को सबक सिखाओ, खुद समझो, सबको समझाओ, इस तरह के स्लोगन लिखे गए थे. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि राहुल सिंह सिर्फ पैसों के लिए बीजेपी में शामिल हुए हैं.


इस्तीफा देने से पहले क्या कहते थे राहुल लोधी
इस्तीफा देने से पहले दमोह जिले की चार विधानसभा सीटों में से एक मात्र कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी ने अपने भाई विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने पर कहा था कि वे कांग्रेस के साथ थे हैं और रहेंगे. उन्होंने कांग्रेस से राजनीति शुरू की थी और 100 फीसदी कांग्रेस के साथ ही रहेंगे.' लेकिन उपचुनाव के दौरान उन्होंने अचानक इस्तीफा दिया और बीजेपी के साथ चले गए. 


बीजेपी में शामिल होने के बाद क्या बोले थे राहुल
बीजेपी में शामिल होने के बाद राहुल लोधी ने कहा था कि  'कांग्रेस सरकार के 14 माह के कार्यकाल में उन्होंने अनेक बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से आग्रह किया था कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान दमोह की जनता से वादा किया था कि वह दमोह में मेडिकल कॉलेज लेकर आएंगे, लेकिन कमलनाथ ने उनकी बात को कई बार नजरअंदाज किया, जिसे लेकर वह जनता के सामने खुद को छला हुआ महसूस कर रहे थे.


हाल ही में दी गई बड़ी जिम्मेदारी
पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी को हाल ही में बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. शिवराज सरकार ने उन्हें वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कारपोरेशन का चेयरमैन बनाया है. माना जा रहा है कि राहुल सिंह लोधी दमोह विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी की तरफ से प्रत्याशी भी बनाए जा सकते हैं. 


कद्दावर नेता जयंत मलैया को दी थी शिकस्त 
राहुल सिंह लोधी 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार दमोह विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. राहुल ने इस चुनाव में 7 बार से लगातार चुनाव जीत रहे बीजेपी के कद्दावर नेता और तत्कालीन वित्तमंत्री जयंत मलैया को शिकस्त थी, लेकिन 15 महीने बाद कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद प्रदेश में चली राजनीतिक उठापठक के बीच उपचुनाव के दौरान राहुल सिंह लोधी ने अचानक विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी. 


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