नाले में गिरकर मरी खेत से भगाई गाय, पंचायत ने दी परिवार को सजा और हुक्का-पानी करा दिया बंद
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नाले में गिरकर मरी खेत से भगाई गाय, पंचायत ने दी परिवार को सजा और हुक्का-पानी करा दिया बंद

 भरत लोधी जब अपने खेत पहुंचे तो वहां एक गाय खेत की फसल चर रही थी. इस पर भरत लोधी ने गाय को भगा दिया, गाय वहां से निकलकर एक नाले में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई.

मजदूर भी तब तक घर पर नहीं आएंगे, जब तक पंचायत के तय किए गए दंड को यह परिवार पूरा नहीं करता. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की करैरा जनपद के अंतर्गत ग्राम मामोनीकलां से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जहां गांव के भरत लोधी नाम के युवक को अपने खेत में घुसी गाय को भगाने की सजा भोगनी पड़ी है. जी हां, दरअसल भरत लोधी जब अपने खेत पहुंचे तो वहां एक गाय खेत की फसल चर रही थी. इस पर भरत लोधी ने गाय को भगा दिया, गाय वहां से निकलकर एक नाले में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई. गाय की मौत का जिम्मेदार भरत को मानते हुए पंचायत ने उसका गांव में हुक्का-पानी बंद कर दिया. साथ ही यह फरमान सुनाया कि पहले गंगा नहाने जाओ, इसके बाद पंचायत का फैसला होगा. तब तुम्हारा हुक्का पानी शुरू हो पाएगा. 

पंचायत के फैसले के बाद पूरा परिवार प्रयागराज गया हुआ है और गौ हत्या का दोषी हो जाने की वजह से गांव का कोई भी व्यक्ति उसके परिवारजनों से बात तक नहीं कर रहा है. रविवार की रात तक यह परिवार वापस आएगा तब पंचायत अपना फैसला सुनाएगी. उस फैसले पर अमल करने के बाद ही इस परिवार के सिर से गौ हत्या का दंश मिट सकेगा. 

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मामोनीकलां निवासी भरत लोधी के भाई मनोज ने बताया कि बीते शुक्रवार की दोपहर मेरे भाई के मूंगफली के खेत में एक गाय घुस कर फसल उजाड़ रही थी. जब भरत ने अपनी फसल उजड़ते देखी तो उसने खेत में जाकर गाय को भगाया. गाय खेत से निकली तो वहीं पास में बहने वाले एक नाले में जा गिरी और उसमें गिरने से गाय की मौत हो गई. भरत के गाय को भगाने और नाले में गिरने से उसकी मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई. जिसके बाद, गांव के जो लोग जो भरत के घर आते-जाते थे, उन लोगों ने बात करना तक बंद कर दिया. 

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साथ ही गांव की पंचायत ने यह फैसला किया कि जब तक यह परिवार गंगा नहाने के बाद सुनाए जाने वाले पंचायत के फैसले को पूरा नहीं करेगा, तब तक उसके परिवार से न तो कोई बातचीत करेगा और न ही उसके परिवार के साथ गांव का कोई व्यक्ति सामान आदि का लेन देन करेगा.

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गांव में अकेला हुआ पूरा परिवार 
गौ हत्या का दोष लगने के बाद भरत लोधी और उसका परिवार गांव में पूरी तरह से अकेला हो गया है. भरत अपने परिवार सहित प्रयागराज गया है, जबकि उसके भाई और उनके परिवारजनों से गांव का कोई भी व्यक्ति न तो बात कर रहा है और न ही उनके घर पर आ-जा रहा है. इतना ही नहीं यह पूरा परिवार न तो अपने खेत पर जा पा रहा है और उनके खेत पर काम करने वाले मजदूर भी तब तक घर पर नहीं आएंगे, जब तक पंचायत द्वारा तय किए गए दंड को यह परिवार पूरा नहीं करता. 

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