धमतरी का 11 साल का राजू दूसरे बच्चों से जुदा है. उसने महज 11 साल की उम्र में खुद की एक बैंड बाजा पार्टी टीम खड़ी कर ली है, पढ़िए पूरी खबर..
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धमतरी: मशहूर शायर रहे राहत इंदौरी साहब का एक शेर है कि 'जुगनुओं को साथ लेकर रात रोशन कीजिए, रास्ता सूरज का देखा तो सहर हो जाएगी'. ये लाइनें धमतरी (Dhamtri) के मकई तालाब के पास झुग्गी-झोपड़ी (स्लम एरिया) में रहने वाले राजू पर सटीक बैठती हैं, क्योंकि जो उम्र बच्चों के खेलने कूदने की होती है, उस उम्र में राजू वो काम कर रहा है, जिसके बारे में कुछ लोग सोच भी नहीं पाते.
राजू की उम्र महज 11 साल की है, लेकिन उसका हौसला बहुत बड़ा. वो पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को तो साकार कर रहा है. खास बात ये है कि महज 11 साल की उम्र में उसने खुद अपनी बैंड बाजा पार्टी बनाई है, अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
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11 साल की उम्र में खड़ी कर दी टीम
कक्षा छटवीं में पढ़ने वाले राजू ने पहले खुद से गाना-बजाना सीखा और साथ में बराबर के दोस्तों को भी गाना-बजाना सिखाया. राजू की टीम में अब कुल 9 बच्चे शामिल हो गए हैं. ये सभी गाना-बजाना जानते हैं. राजू की टीम शादियों, सगाई, जन्मदिन जैसे छोटे-छोटे आयोजन में परफॉर्मेंस देती है, जिससे प्रति आर्डर 1200 रुपये तक मिल रहे हैं.
इनकम से निकल रही स्कूल की फीस
आयोजनों में परफॉर्मेंस देने से जो इनकम हो रही है, उससे राजू और उसके दोस्तों की स्कूल फीस व दूसरे खर्चे चल रहे हैं. यही वजह है कि बच्चों की इस बैंड पार्टी की चर्चा आस-पास के गांवों में भी हो रही है. राजू का कहना है कि उसकी टीम में जितने बच्चे हैं, सभी की म्यूजिक स्किल डेवलप हो रही है.
राजू की खासियत और उसका सपना
राजू का कारनामा वाकई हैरान करने वाला है, क्योंकि इतनी कम उम्र और संसाधनों के अभाव में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले एक बच्चे के अंदर सिर्फ म्यूजिक स्किल नहीं, बल्कि लीडरशिप का हुनर भी लाजवाब है. भविष्य को लेकर राजू का विजन और लक्ष्य भी स्पष्ट है. वो बड़ा होकर एक धुमाल पार्टी खड़ी करना चाहता है.
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