इस साल का महीना सावन 28 या 29 दिन की बजाय पूरे 30 दिन का रहेगा. पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है.
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उज्जैन: सावन का महीना इस साल बड़े शुभ संयोग के साथ शुरू होगा. आज 28 जुलाई शुरू होने वाला सावन माह 26 अगस्त रक्षाबंधन पर खत्म होगा. इस साल का महीना सावन 28 या 29 दिन की बजाय पूरे 30 दिन का रहेगा. पूरे देश में सावन के महीने को एक त्योहार की तरह मनाया जाता है. सावन भगवान शिव की पूजा करने का सबसे उत्तम महीना होता है.
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं महादेव. मान्यता है कि शिव की उपासना बिना बेलपत्र के पूरी नहीं होती. अगर आप भी देवों के देव महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है.
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बेलपत्र का महत्व
बेल के पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं. बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ जुड़ी होती हैं लेकिन इन्हें एक ही पत्ति मानते हैं. भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती.
कैसे करें इसका प्रयोग
ज्योतिष जानकारों की मानें तो जब भी आप महादेव को बेलपत्र अर्पित करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि गलत तरीके से अर्पित किए हुए बेलपत्र शिव को अप्रसन्न भी कर सकते हैं. एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए. पत्तियां कटी या टूटी हुई न हों और उनमें कोई छेद भी नहीं होना चाहिए. भगवान शिव को बेलपत्र चिकनी ओर से ही अर्पित करें. एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं. बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए.
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बेलपत्र के आयुर्वेदिक प्रयोग
बेलपत्र का केवल दैवीय प्रयोग नहीं है. यह तमाम औषधियों में भी काम आता है. इसके प्रयोग से आपकी सेहत से जुड़ी तमाम समस्याएं चुटकियों में हल होती हैं. बेलपत्र का रस आंख में डालने से आंखों की ज्योति बढ़ती है. बेलपत्र का काढ़ा शहद में मिलाकर पीने से खांसी से राहत मिलती है. सुबह 11 बेलपत्रों का रस पीने से पुराना सिरदर्द भी ठीक हो जाता है.