टीकमगढ़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जरूआ में पदस्थ डॉ. विजय कुमार जैन ने अपने पैत्रिक गांव में एक नर्सिंग होम खोल रखा है. जहां डॉक्टर के पिता बिना किसी डिग्री के मरीजों का इलाज करते हैं.
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आर बी सिंह/ टीकमगढ़: कोरोना काल में जहां देश भर में इलाज की कमी हो रही है, वहीं एक डॉक्टर ऐसे भी हैं जो अस्पताल में मरीजों को छोड़ 40 किलोमीटर दूर अपने गांव भाग जाते हैं. इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि लालच है. चंद रुपयों के लिए ये डॉक्टर ना केवल अपनी कर्तव्य से भाग रहा है, बल्कि अपने गांव में कई लोगों की जान से खेल भी रहा है.
दरअसल ये मामला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ का है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जरूआ में पदस्थ डॉ. विजय कुमार जैन मुख्यालय पर रूकने की बजाये रोज टीकमगढ़ के नजदीकी अपने पैत्रिक गांव कारी जाते हैं. डॉक्टर ने अपने गांव में एक अच्छा खासा नर्सिंग होम खोल रखा है, जहां सुबह-शाम यह खुद मरीज देखते हैं और बाकी समय इनके बगैर डिर्ग्रीधारी अनाड़ी पिता डॉक्टर बन मरीजों का इलाज करते हैं.
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आरोप है कि ये लोग ना केवल मरीजों का उपचार करते हैं बल्कि इनके नर्सिंग होम में बकायदा मरीजों को भर्ती किया जाता है. इस बात को डॉक्टर ने खुद कैमरे पर स्वीकारा है. डॉक्टर का कहना है कि उनके कहने पर उनके पिता मरीजों का इलाज करते हैं.
आरोप है कि शासकीय डॉक्टर के निजी नर्सिंग होम में बिछे पलंग पर गंदी चादर, तकिया और गद्दे पड़े हैं. इसके अलावा पलंगों पर लेटे मरीजों के पास कचरे के ढेर लगे हैं. इस पूरे मामले में SDM सौरभ मिश्रा जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
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