गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए दुर्ग पुलिस ने शुरू की अनोखी पहल, ऑपरेशन मुस्कान से बचाएगी जान
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गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए दुर्ग पुलिस ने शुरू की अनोखी पहल, ऑपरेशन मुस्कान से बचाएगी जान

वहीं गुम हो चुके बच्चों को तलाशने के लिये ऑपरेशन मुस्कान शुरू की गई. पिछले छह महीने में दुर्ग पुलिस ने सालों से लापता 526 युवतियों, बच्चे सहित महिलाओं को देश के विभिन्न राज्यों से सकुशल बरामद किया गया.

 महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश दिल्ली से ढूंढ निकाले गुम हुए बच्चे (फाइल फोटो)

दुर्गः छत्तीसगढ़ के दुर्ग पुलिस प्रदेश में मानवता की ऐसी मिसाल पेश कर रही कि अब दूसरे जिलों के पुलिस अधिकारियों को इसकी मिसाल दी जा रही है. दुर्ग जिले में पुलिस ने पुलिस महानिदेशक के निर्देश गुमशुदा बच्चो और लोगों के लिए चलाई जा रहे ऑपरेशन मुस्कान और ऑपरेशन संवेदना के तहत एक रिकॉर्ड बनाया है. प्रदेश भर में 6 महीने में 526 बच्चों और गुमशुदा लोगों को ढूंढकर उनके परिवार तक पहुंचाया है. इस मामले में दुर्ग पुलिस ने बिलासपुर और रायपुर को भी पीछे छोड़ दिया है. इन मामलों में अधिकतर बच्चों को देश के अलग-अलग राज्यों से सकुशल बरामद किया गया है. 

दुर्ग जिले के थानों में नाबालिगों के साथ सालों से कई युवतियों और महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट न जाने कितने सालों से दर्ज थी, लेकिन पुलिस को इन्हें तलाशने में कामयाबी नहीं मिलती. पुलिस विभाग इसके लिए सवालों के घेरे में था, लेकिन इस अपराध को खत्म करने के लिए पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश स्तर पर विशेष मुहिम छेड़ी. जिसको नाम दिया ऑपरेशन संवेदना वहीं गुम हो चुके बच्चों को तलाशने के लिये ऑपरेशन मुस्कान शुरू की गई. पिछले छह महीने में दुर्ग पुलिस ने सालों से लापता 526 युवतियों, बच्चे सहित महिलाओं को देश के विभिन्न राज्यों से सकुशल बरामद किया गया.

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इस अभियान में दुर्ग पुलिस प्रदेश में नबंर वन बन गया है. पुलिस विभाग से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर प्रदेश के बड़े शहरों में शामिल बिलासपुर और रायपुर पुलिस को भी तलाशी में पीछे छोड़ दिया है. बिलासपुर में गुमशुदा बच्चों को तलाशे जाने की संख्या 172 है. तो वहीं रायपुर में 186, लेकिन दुर्ग जिले में छह माह में 526 बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों को सकुशल सौंपा है.

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प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश के पुलिस विभाग का स्ट्रक्चर बदला गया और प्रदेश की कमान डीएम अवस्थी को सौंपी गई. प्रदेश की कमान मिलते ही डीजीपी डीएम अवस्थी ने सबसे पहले मजबूत पुलिस, विश्वसनीय पुलिस का नारा देते हुए ऑपरेशन संवेदना शुरू किया. पुलिस अधीक्षक प्रखर पाण्डेय के दिशा-निर्देश पर नोडल अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित झा के नेतृत्व में जिले के समस्त थाना व चौकियों में कई वर्षों से लंबित गुम बच्चों, युवतियों और महिलाओं के खोजबीन के कार्य को प्राथमिकता में लिया गया. जिनमें से अधिकतर बच्चे देश के अलग-अलग राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश दिल्ली से भी ढूंढ निकाले गए.

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