अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दुनिया को झुकना पड़ा था भारत के सामने: शिवराज
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अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दुनिया को झुकना पड़ा था भारत के सामने: शिवराज

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'अटलजी भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह अपने कामों से हमेशा याद रखे जाएंगे. 

(@OfficeofSSC)

भोपाल: देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की प्रथम पुण्यतिथि पर शुक्रवार को मध्य प्रदेश भाजपा ने उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की. सभी संभागीय एवं जिला केंद्रों पर श्रद्घांजलि सभाएं आयोजित की गईं. प्रदेश कार्यालय में आयोजित श्रद्घांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी निर्णय क्षमता को याद किया. 

चौहान ने कहा, 'अटलजी जब प्रधानमंत्री बने, उस समय अमेरिका को सीआईए पर बहुत नाज था. अमेरिकी मानते थे कि नासा के उपग्रहों के जरिए पूरी दुनिया उनकी नजरों में है. लेकिन 1998 में अटलजी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कराया और किसी को कानोकान खबर नहीं हुई. इससे बौखलाकर अमेरिका ने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए, लेकिन अटलजी झुके नहीं. आखिरकार दुनिया को ही भारत के सामने झुकना पड़ा और सारे प्रतिबंध हटा लिए गए.'

पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, 'अटलजी भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह अपने कामों से हमेशा याद रखे जाएंगे. उन्होंने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया. उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की, जिसने देश की कायापलट दी. गांव-गांव पक्की सड़कों से जुड़ गया. देश में विश्वस्तरीय हाईवे बने.'

चौहान ने आगे कहा, 'वह अद्भुत वक्ता थे. बात करने की उनकी अपनी शैली थी. उनके इसी गुण के कारण उन्हें कांग्रेस सरकार के समय संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेता बनाया गया. संसद में जब वह बोलते थे, तो सन्नाटा छा जाता था. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिन्दी में भाषण देकर मातृभाषा का मान बढ़ाया.'

शहीद सैनिकों के संदर्भ में लिए गए निर्णय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, '1999 में कारगिल में घुसपैठ हुई, अटलजी ने पूरी कठोरता से घुसपैठियों को खदेड़ा. उस समय जो सैनिक कारगिल जैसी जगहों पर शहीद हो जाते थे, उनके शव उनके घर नहीं भेजे जाते थे, वहीं अंतिम संस्कार कर दिया जाता था. लेकिन अटलजी ने शहीद सैनिकों के शवों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की, ताकि उनके परिजन उनके अंतिम दर्शन कर सकें. शहीदों को श्रद्घांजलि देने जनसमुदाय उमड़ने लगा और अटलजी ने देश में शहादत के मायने बदल दिए.'

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