तो क्या इस वजह से मतदान के पहले ही थम जाता है चुनाव प्रचार?
Advertisement

तो क्या इस वजह से मतदान के पहले ही थम जाता है चुनाव प्रचार?

किसी प्रत्याशी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है. जिसमें दोषी पाए जाने पर प्रत्याशी को जेल भी जाना पड़ सकता है.  

सीएम शिवराज का उप चुनाव के दौरान प्रचार

भोपालः मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह के ब्यावरा, राजगढ़ में दिए गए आखिरी भाषण के साथ ही आज रविवार शाम 6 बजे उप चुनाव का प्रचार रथ थम गया. चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार प्रदेश में अब कोई भी पार्टी बड़ी सभा आयोजित नहीं कर सकती. साथ ही प्रदेश के 28 विधानसभा क्षेत्रों, जहां उप चुनाव होना है, वहां पार्टियों की रैलियों पर पाबंदी रहेगी. अब क्षेत्रीय उम्मीदवार मतदाताओं के घर-घर जाकर ही वोट मांगते नजर आएंगे. 

मतदान के कितने समय पहले रोक दिया जाता है प्रचार?
निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार मतदान के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार रोकना होता है. जिससे कि चुनाव प्रक्रिया को किसी भी तरह प्रभावित नहीं किया जा सके. अंत समय में पार्टियां मतदाता को लालच देकर वोटिंग न करवा सकें, इसलिए भी ये कदम उठाया जाता है. 

ये भी देखेंः- मुरैना में लगे बीजेपी मुर्दाबाद के नारे, जलाए गए नेताओं के पुतले

प्रचार रोकने के पीछे एक और मुख्य कारण है शांतिपूर्ण चुनाव
देश के कई राज्यों में होने वाले चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशियों की वाहन संख्या भी सीमित ही रहती है. मतदान से पहले तक प्रत्याशी, प्रचार में 10 वाहन का प्रयोग कर सकते हैं, तो वहीं मतदान के दिन प्रत्याशियों को 3 वाहनों का ही प्रयोग करना होता हैं. 

ये भी देखेंः- Video: 80 साल के बुजुर्ग जो राहुल गांधी का नाम लेने पर क्यों गुस्सा हो जाते हैं

नियम नहीं मानने पर क्या होगा?
चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न करवाई जा सके, इसके लिए प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार रोकना होता है. किसी प्रत्याशी द्वारा नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है. जिसमें दोषी पाए जाने पर प्रत्याशी को जेल भी जाना पड़ सकता है. यहां तक चुनाव आयोग प्रत्याशी का नामांकन तक रद्द कर सकता है.  

WATCH LIVE TV

ये भी देखे

Trending news