किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.आलम ये है कि किसान अपनी फसल मवेशी को चराने के लिए मजबूर हैं. किसान अपनी कमाई के जरिए को जानवरों के सामने चरने के लिए छोड़ रहे हैं.
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अमित श्रीवास्तव/देवास: मध्य प्रदेश के देवास जिले के किसान पहले बारिश ना होने से परेशान थे, तो अब भारी बारिश ने उनके लिए आफत खड़ी कर दी है. किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.आलम ये है कि किसान अपनी फसल मवेशी को चराने के लिए मजबूर हैं. किसान अपनी कमाई के जरिए को जानवरों के सामने चरने के लिए छोड़ रहे हैं.
दरअसल देवास में पहले बारिश ना होने से किसानों की लागत बड़ी. बारिश ना होने के कारण किसानों को दो बार बोनी करनी पड़ी थी. लेकिन अब बारिश इतनी है कि किसानों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फिर चुका है. किसानों का कहना है कि बची-कुची फसल को इल्लियां और जड़ो में लगने वाले रोगों ने बर्वाद कर दिया है. फसल में अब एक भी दाना नहीं बचा है.
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किसानों का कहना है कि फसले किसी काम की नहीं रहीं और खेत भी खाली कराने का संकट आ खड़ा हुआ है. जिसके लिए अब ये लोग मजदूरी का बोझ उठाने की हालत में भी नहीं हैं. इसलिए किसान अपनी फसल मेवशी को चरा रहे हैं.
बता दें कि परेशान किसान लगातार राज्य सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. बीते हफ्ते देवास जिले में किसानों ने प्रदर्शन भी किया था. उसके बाद भी अब तक फसल नुकसान का सर्वे नहीं किया गया है. हालांकि कृषि अधिकारी उन्हें फसल बीमा कराने और कीटनाशक छिड़काव करने की सलाह दे रहे हैं.
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