DG मुकेश गुप्ता और SP रजनेश सिंह के खिलाफ दर्ज हुई FIR, अवैध फोन टैपिंग सहित कई गंभीर आरोप
मौजूदा समय में प्रदेश में डीजी पद पर पदस्थ मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर आरोप है कि इन दोनों ने गलत साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र किया
- अवैध फोन टैपिंग मामले पर आपराध दर्ज किया गया है
- गलत साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप
- दोनों पर न्यायालयीन प्रक्रिया को गुमराह करने का आरोप
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(जुल्फीकार अली)/रायपुरः छत्तीसगढ़ के कथित 36 हजार करोड़ के चर्चित नान घोटाले मामले में की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ईओडब्ल्यू के तत्कालीन एडीजी मुकेश गुप्ता (वर्तमान में डीजी) तत्कालीन एसीबी एसपी, वर्तमान में नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह पर शासकीय पद का दुरुपयोग,कूटरचित दस्तावेज, सबूत के साथ छेड़छाड़, अवैध फोन टैपिंग मामले पर आपराध दर्ज किया गया है. दोनों के खिलाफ जिन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है, वे बेहद गंभीर और गैर जमानती हैं. DG और जिले के SP जैसे अफसरों के खिलाफ अपराध कायम करने का प्रदेश का यह पहला मामला होगा. मौजूदा समय में प्रदेश में डीजी पद पर पदस्थ मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर आरोप है कि इन दोनों ने गलत साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र किया, कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, अवैध रूप से फोन टैपिंग कराया गया और न्यायालयीन प्रक्रिया को गुमराह किया.
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ईओडब्लू और एसीबी की ओर से दर्ज FIR 6/2019 में डीजी मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ धारा 166, 166 A (b),167, 193, 194, 196, 201, 218, 466, 467, 471 और 120 B और अवैध फोन टैपिंग के आरोप पर टेलीग्राफ एक्ट की धारा 25, 26 सहपठित धारा 5(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. ईओडब्ल्यू की एफआईआर की धाराओं के तहत दोनों कि गिरफ्तारी हो सकती है. हालांकि आईपीएस सेवा के दोनों अधिकारी की गिरफ्तारी के पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी. सरकार दोनों पर एफआईआर के आधार पर निलंबन की कार्रवाई कर सकती है.
क्या है नान घोटाला ?
राज्य में करोड़ों रुपये के इस कथित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले को नान घोटाले के रूप में भी जाना जाता है. फरवरी 2015 ईओडब्ल्यूल की छापा मार कार्रवाई में नान के जरिए एक रुपये किलो चावल वितरण योजना में भारी गड़बड़ी का खुलासा हुआ था. आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू और भ्रष्टाचार निवारक ब्यूरो की टीमों ने नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये कैश जब्त किये थे, साथ ही मामले से जुड़े कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे. नान मुख्यालय की जांच के दौरान कथित तौर पर एक डायरी भी मिली थी जिसमें कमीशन लेने वालों के नाम दर्ज हैं. इस डायरी में एक पूर्व मंत्री सहित सीएम मैडम का नाम आया था. घोटाले में शामिल लोगों का कोड वर्ड में नाम दर्ज हैं.
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कांग्रेस ने बनाया था हथियार
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने कथित नान घोटाले को रमन सिंह सरकार पर हमले के लिए प्रमुख हथियार बनाते हुए 36,000 करोड़ रुपये का घोटाला का आरोप लगाया था, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की पत्नी पर आरोप लगाये थे. इस मामले की जांच में डायरी के कुछ पन्नों की जांच ईओडब्ल्यू ने की थी, जिसपर कांग्रेस ने सवाल उठाये थे. नान में दो आईएएस समेत 18 अधिकारियों व कर्मचारियों पर मामला दर्ज किया गया था. बाद में 15 के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई. इसमें से कई अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार किए गए.
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