सिंधिया के बाद सुरेश पचौरी ने भी किया आर्टिकल 370 हटाए जाने का समर्थन, लेकन प्रक्रिया पर उठाए सवाल
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सिंधिया के बाद सुरेश पचौरी ने भी किया आर्टिकल 370 हटाए जाने का समर्थन, लेकन प्रक्रिया पर उठाए सवाल

कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व रक्षा राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने भी कश्मीर से 370 हटाने का समर्थन किया है. हालांकि, उन्होंने इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, लेकिन इसे देश के हित का फैसला बताया है.

मोदी सरकार का यह फैसला सामयिक फैसला है. सुरेश पचौरी

नई दिल्लीः मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35ए को निष्प्रभावी किए जाने वाले ऐतिहासिक फैसले को लेकर कांग्रेस अब दो धड़ों में बंटी हुई नजर आ रही है. जहां एक तरफ कुछ कांग्रेसी नेताओं ने इसका विरोध किया है तो वहीं कई इसके समर्थन में दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और देश के पूर्व रक्षा राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने भी कश्मीर से 370 हटाने का समर्थन किया है. हालांकि, उन्होंने इसकी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, लेकिन इसे देश के हित का फैसला बताया है.

जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 के हटाए जाने पर सुरेश पचौरी ने कहा कि, 'मोदी सरकार का यह फैसला सामयिक फैसला है. हालांकि, इस अनुच्छेद को हटाने की जो प्रक्रिया है वह गलत है. पूर्व मुख्यमंत्री को नजरबंद करके 370 और 35ए हटाई गई, जो कि गलत और अलोकतांत्रिक था.'

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बता दें सुरेश पचौरी से पपहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था. मोदी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए सिंधिया ने कहा था कि, 'यह फैसला राष्ट्रहित में है और हम इस फैसले का पूरा समर्थन करते हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.'

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ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा, कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व सांसद जर्नादन द्विवेदी भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन कर चुके हैं. हालांकि, कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगहों पर इसका जमकर विरोध किया और मोदी सरकार की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे.

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