छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेला आज से शुरू हो चुका है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते शांति समिति की बैठक में गोटमार नहीं मनाने का निर्णय लिया गया था, जो पूरी तरह विफल हो चुका है. सावरगांव पक्ष ने झंडा बांधकर कर पूजा की पूरी तैयारियां कर ली हैं. लोग बड़ी तादाद में जाम नदी पर पहुंच चुके हैं.


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आपको बता दें कि विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले में इस साल पत्थरबाजी के खेल पर प्रतिंबध लगाया गया है. इस साल केवल जाम नदी के किनारे स्थित देवी मंदिर में झंडे की पूजा की जाएगी. 


बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने एक दिन पहले मेले की जगह का निरीक्षण किया. जहां मेले का आयोजन हो रहा है उस जगह से सारे पत्थर हटवा लिए गए हैं. सुरक्षा को देखते हुए एसडीओपी, एएसपी, टीआई, एसआई, एएसआई, एसएफ, होमगार्ड फारेस्ट समेत जिला बल के जवानों की तैनाती की गई है. 


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आपको बता दें कि गोटमार मेले की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस मेले का आयोजन पांढुर्णा और सावरगांव के बीच बहने वाली जाम नदी पर किया जाता है. देवी का झंडा गाड़ने के बाद दोनों गांव के लोग एक दूसर पर पत्थर फेंकते हैं. जिसमें कई लोग घायल हो जाते हैं. मेला देखने हर साल जिले के बाहर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस बार सिर्फ औपचारिकता निभाई जाएगी.


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