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भोपाल: विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज ने कर्मचारियों को त्योहारों का तोहफा दिया था. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को प्रदेश के 4.37 लाख कर्मचारियों को 7वें वेतनमान की तीसरी किसत देने की घोषणा की थी.दिवाली से पहले इसकी 25% राशि कर्मचारियों के खाते में डाल दी जाएगी. साथ ही आने वाले वीत्तीय वर्ष में पूरे एरियर का भुगतान भी कर दिया जाएगा. लेकिन इस सौगात के बाद भी कर्मचारी खुश नहीं हैं.
दरअसल कर्मचारी और अधिकारियों को अब तक सातवें वेतनमान की पहली और दूसरी किश्त नहीं मिली है. वहीं प्रदेश के ढाई लाख अध्यापकों को अब तक छठे वेतनमान की तीसरी किस्त भी नहीं मिली है. जिसके बाद अधिकारी-कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है.
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इस मामले में अध्यापक संघ का कहना है कि उन्हें जुलाई 2018 से शिक्षा सेवा कैडर में शामिल कर सातवें वेतनमान देने के निर्देश दिए थे. लेकिन जुलाई 2018 और सितंबर 2019 का एरियर अब तक बकाया है. इसके साथ ही सातवें वेतनमान का भुगतान भी उन्हें काफी देरी से किया गया था.
आपको बता दें कि पिछले दिनों सीएम ने कहा था कि जिन कर्मचारियों की सैलेरी 40 हजार रुपए महीने से कम है, उनको त्योहार के नाम पर 10 हजार रुपए एडवांस दिया जाएगा. इस एडवांस को कर्मचारी 31 मार्च तक कभी भी ले सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कर्मचारी भाई-बहनों के त्योहार अच्छे मने इसके लिए ये फैसला लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा है, ''मैंने पहले ही कहा था कि एरियर और इंक्रीमेंट कुछ समय के लिए रोके गए हैं, लेकिन इसकी एक-एक पाई सभी कर्मचारी भाई-बहनों को दी जाएगी.अर्थव्यवस्था कठिन दौर से गुजर रही थी, खजाने में पैसा नहीं था और इसलिए 7वें वेतन आयोग के एरियर की तीसरी किश्त नहीं दी गई थी.''
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