MP Electric Bus Service: ग्वालियर में पीएम ई-बस सेवा के तहत 60 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की अनुमति मिल गई है, जिससे शहरवासियों को प्रदूषण रहित और सुविधाजनक परिवहन सेवा मिलेगी. इस सेवा के पहले चरण में बसों के रूट का निरीक्षण और सुधार कार्य चल रहा है.
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Gwalior PM e-Bus Service: ग्वालियर में लंबे समय बाद एक बार फिर सरकारी बसों को चलाने की योजना बनाई जा रही है. जिससे शहरवासियों को बहुत राहत मिलने वाली है. भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत ग्वालियर में पहले चरण में 60 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की अनुमति दी गई है.
ग्वालियर कलेक्ट्रेट की अधिकारी रुचिका चौहान से मिली जानकारी के मुताबिक इन बसों के रूट का निरीक्षण किया जा चुका है और जिन जगहों पर सुधार की जरूरत थी, वहां कार्य चल रहा है. बसों के संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है और यह जल्द ही शुरू होंगी. इस योजना से न सिर्फ प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि यात्रा भी अधिक सुविधाजनक हो जाएगी.
बसों के रूट पर विशेष ध्यान
आपको बता दें कि ग्वालियर में बसों के रूट को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश के परिवहन सचिव मनीष सिंह ने निगम आयुक्त प्रिय को पत्र भेजकर कहा है कि इन बसों के रूट को शहर के उपनगरीय इलाकों तक बढ़ाया जाए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि रूट की दूरी अधिक न हो, ताकि बसों का संचालन बिना किसी परेशानी के हो सके. इसके अलावा, रूट को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि शहर से बाहर भी इलाकों को जोड़ा जा सके. इस बदलाव से शहरवासियों को बेहतर और सुविधाजनक परिवहन सेवाएं मिल सकेंगी.
चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे
ई-बस सेवा के सफल संचालन के लिए चार्जिंग स्टेशन समेत अन्य सभी तैयारियों की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है. निगम ने डिपो निर्माण के लिए स्थल का चयन कर लिया है और चार्जिंग स्टेशन की स्थापना पर काम शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर 22 रुपये की ग्रांट दी जा रही है और बाकी का खर्च बसों के किराए से पूरा किया जाएगा. ग्वालियर नगर निगम ने इस डिपो के निर्माण के लिए एक जगह निर्धारित की है, जहां चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे. इस योजना के तहत ग्रीनसेल मोबिलिटी प्लान के नियमों का पालन किया जाएगा, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा बनी रहे.
10 रूटों की पहचान की गई
ग्वालियर शहर में 10 संभावित रूटों की पहचान की गई है, जिनका निरीक्षण कलेक्टर ने छह सदस्यीय दल से कराया है. यह दल नगर निगम, यातायात पुलिस, आरटीओ और जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर रूट की जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि बसों का संचालन बिना किसी रुकावट के हो. इसके साथ ही, यह दल चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया पर भी नजर रखेगा, ताकि बसों के संचालन में कोई परेशानी न हो. यह कदम ग्वालियर में सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है.
हर तरह की मिलेगी सुविधाएं
ग्वालियर नगर निगम ने 25 एकड़ जमीन को अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के रूप में घोषित किया है. यह जमीन मुरैना लिंक रोड पर स्थित गोला का मंदिर इलाके के मल्लगढ़ा चौराहे के पास है. इस टर्मिनल में 84 वाहनों के लिए पार्किंग, शौचालय परिसर, वेटिंग एरिया, टिकट काउंटर और 156 ईसीएस पार्किंग जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. इस टर्मिनल के निर्माण से ग्वालियर का परिवहन नेटवर्क और मजबूत होगा और अंतरराज्यीय बसों के लिए एक नया केंद्र तैयार होगा. इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि ग्वालियर में यातायात की समस्या को भी हल करने में मदद मिलेगी.
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