'हाथरस की भाभी' की भूमिका पर मेडिकल कॉलेज के डीन ने क्या एक्शन लिया?
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'हाथरस की भाभी' की भूमिका पर मेडिकल कॉलेज के डीन ने क्या एक्शन लिया?

मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल यूनिवर्सिटी के डीन ने पहले कार्रवाई की बात की थी, लेकिन बाद में डॉ. बंसल के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार कर दिया.  

डॉ. राजकुमारी बंसल

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: हाथरस केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस में फिलहाल हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा है कि केस में हो रही CBI जांच जारी रहेगी और इसकी निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा. 
वहीं इस मामले में जबलपुर की डॉक्टर राजकुमारी बंसल पर यूपीएसआईटी की नजर है. हालांकि एसआईटी ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, न ही पूछताछ के लिए लेटर वगैरह भेजा है. वहीं हाथरस की भाभी के नाम से फेमस हुईं डॉ. बंसल के खिलाफ हॉस्पिटल प्रबंधन ने भी किसी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की है.

हाथरस केस में डॉ. राजकुमारी बंसल पीड़िता के घर में 4 दिन तक रुकी थीं. इस दौरान उन्होंने परिवार वालों की तरफ से मीडिया वालों से बात की थी. इसके बाद में उन पर नक्सलियों से कनेक्शन होने के भी आरोप लगे. यूपी दलित नेता चंद्रशेखर रावण के साथ भी उनका कनेक्शन जोड़कर देखा जाने लगा. हालांकि उन्होंने अपने पर लगे सभी आरोपों से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा था कि वह मानवता के नाते पीड़ित परिवार से मिलने गईं थीं. 

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मेडिकल डीन ने लिया कोई एक्शन
मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल यूनिवर्सिटी के डीन ने पहले कार्रवाई की बात की थी, लेकिन बाद में डॉ. बंसल के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार कर दिया. डीन ने कहा था कि अगर शासन-प्रशासन की तरफ से आदेश आता है तो ही डॉ. बंसल के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. 

 

क्या कार्रवाई होगी या नहीं?
इस बीच डॉ. राजकुमारी बंसल ने जबलपुर में एक सभा में जाकर हाथरस कांड का जमकर विरोध किया था. डॉ राजकुमारी बंसल ने समाज से पूछा था कि क्या हाथरस में पीड़ित परिवार का साथ देकर उन्होंने कोई गलती की है? साथ ही कहा था कि हाथरस जैसी घटना देश में और भी होती आ रही हैं, इसलिए ये समय चुप होकर सहने का नहीं, बल्कि अपनी आवाज को बुलंद कर विरोध करने का है. डॉ. बंसल को इस्लामी संगठन के साथ मिलकर प्रदर्शन करने का विरोध किया गया. कई लोगों ने इसे कदाचार मानते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन से कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अभी तक डॉ. बंसल के खिलाफ ऐसा भी नहीं किया गया. यूपी एसआईटी को मिले जबलपुर कनेक्शन की स्टेटस रिपोर्ट भी न्यूट्रल ही है. यानी इसमें भी कुछ खास नहीं मिला है. 

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क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने CBI जांच के बाद हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केस उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने की परिजनों की अपील को लेकर कहा है कि फिलहाल CBI की जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद इस मामले पर कोर्ट कोई फैसला लिया जाएगा.

क्या है मामला ?
हाथरस में एक दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. लड़की की मौत दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. इस मामले से जुड़ी याचिकाओं में दलील दी गयी थी कि उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है, क्योंकि पुलिस का रवैया संदिग्ध है. पीड़ित परिवार की मदद के लिए डॉ. राजकुमारी बंसल हाथरस में चार दिन तक रहीं थीं. 

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