भीमा मंडावी हत्याकांड NIA जांचः राज्य शासन की याचिका पर HC ने सुरक्षित रखा फैसला
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भीमा मंडावी हत्याकांड NIA जांचः राज्य शासन की याचिका पर HC ने सुरक्षित रखा फैसला

बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच के दस्तावेज NIA को सौंपने के कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में लगाई गई राज्य शासन की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.

(फाइल फोटो)

बिलासपुरः बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जांच के दस्तावेज NIA को सौंपने के कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में लगाई गई राज्य शासन की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. राज्य शासन की ओर से सरकारी वकीलों ने बहस की. इस दौरान राज्य शासन और NIA ने कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. 

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि इस मामले में राज्य की पुलिस ने काफी निचले स्तर तक जांच कर ली है. राज्य शासन के जवाब पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने पूछा कि अगर राज्य शासन ने इतनी जांच कर ली है तो आरोपी के नाम बताए जाए. जिसपर राज्य शासन की तरफ से वकील ने जवाब देते हुए जानकारी दी की अभी आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है.

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गौरतलब है कि अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मौत हो गई थी. जिसके बाद घटना की सूचना मिलने पर एनआईए अधिकारी मौके पर पहुंचे और पड़ताल शुरू कर दी. वहीं घटना के कुछ दिन बाद राज्य पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी. ऐसे में एनआईए ने राज्य शासन द्वारा कराई जा रही जांच पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आपत्ति जताई गई. 

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याचिका में एनआईए ने कहा था कि एक ही मामले में दो पक्षों की जांच से साक्ष्य जुटाने में तकनीकी और व्यावहारिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए एनआईए ने भीमा मंडावी हत्याकांड में पुलिस जांच पर रोक लगाने की मांग की. वहीं मामले पर एनआईए ने बस्तर में जांच शुरू की, लेकिन जब पुलिस से जरूरी रिकॉर्ड मांगे गए तो पुलिस ने उन्हें यह रिपोर्ट सौंपने से साफ इनकार कर दिया. एनआईए कोर्ट से राहत न मिलने पर एनआईए ने हाईकोर्ट में इसी आधार पर याचिका दायर की. जिसके बाद सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को पुलिस जांच पर रोक लगा दी और दस्तावेज एनआईए को सौंपने के निर्देश दे दिए.

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