भोपाल गैस पीड़ितों की अतिरिक्त मुआवजे की मांग पर अप्रैल में होगी सुनवाईः सुप्रीम कोर्ट
आंशिक रूप से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या लगभग 38,478 थी. 3900 तो बुरी तरह प्रभावित और पूरी तरह अपंगता के शिकार हो गए थे.
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नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि 1984 में हुए भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए यूनियन कार्बाइड की उत्तराधिकारी कंपनी से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मांगने संबंधी केन्द्र की याचिका पर अप्रैल में सुनवाई होगी. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वह पीड़ितों की मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की उपचारात्मक याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगी.
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केन्द्र सरकार ने भोपाल गैस कांड पीड़ितों के मुआवजे के लिए पहले प्राप्त 47 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त, 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दिए जाने का यूनियन कार्बाइड और अन्य फर्मों को आदेश देने की मांग करते हुए न्यायालय में याचिका दायर की है. बता दें 1984 में हुई इस दुर्घटना में मिथाइल आइसोसायनेट गैस के रिसाव के कारण 3,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. वहीं हवा में फैली इस जहरीली गैस के कारण कई लोगों को अब भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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बता दें कुछ अनुमान बताते हैं इस दुर्घटना में 8000 लोगों की मौत तो दो सप्ताहों के अंदर हो गई थी, इसके बाद भी मौत का सिलसिला जारी रहा था. जिसके चलते इस बात पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है कि आखिर इस घटना में कितने लोगों की मौत हुई थी. 2006 में तत्कालीन प्रदेश सरकार के एक शपथ पत्र में माना गया था कि भोपाल के लगभग 5 लाख 20 हजार लोग इस जहरीली गैस से सीधे रूप से प्रभावित हुए थे. इसमें 2,00,000 बच्चे थे, जिनकी उम्र 15 साल से कम थी और 3,000 गर्भवती महिलाएं थीं. आंशिक रूप से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या लगभग 38,478 थी. 3900 तो बुरी तरह प्रभावित और पूरी तरह अपंगता के शिकार हो गए थे.
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