बेबस मां ने दिव्यांग बेटे को कंधे पर लादकर किया 1000 किलोमीटर का सफर
Advertisement

बेबस मां ने दिव्यांग बेटे को कंधे पर लादकर किया 1000 किलोमीटर का सफर

राजकुमारी सूरत में मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. लेकिन, कोरोना काल में सूरत के भीतर रोजगार छिन गया. खाने के लाले पड़ गए. राजकुमारी के तीन बेटे हैं. जिसमें एक बेटा दिव्यांग है. राजकुमारी सतना जिले के चित्रकूट के पास मझगवां गांव की रहने वाली है. वह अपने दिव्यांग बच्चे को कंधे पर लादकर पन्ना तक पहुंची. 

 दिव्यांग बेटे को कंधे पर लादकर निकल पड़ी अपने गांव

पन्ना: पन्ना से एक मजबूर मां की ऐसी कहानी सामने आई है जिसे सुनकर आपकी आंखे नम हो जाएंगी. ये कहानी आपको झकझोर कर रख देगी. ये कहानी और बेबस मां की तस्वीर सरकार के लिए भी शर्मनाक है. वाक्या पन्ना का है. जहां एक मां सूरत से अपने दिव्यांग बच्चे को कंधे पर लादकर जैसे-तैसे पन्ना तक पहुंची. अभी उसे सतना पहुंचना है. ये सफर 1000 किलोमीटर से भी ज्यादा का है. 

इस बेबस मां का नाम राजकुमारी है. जो सूरत में मजदूरी कर अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. लेकिन, कोरोना काल में सूरत के भीतर रोजगार छिन गया. खाने के लाले पड़ गए. राजकुमारी के तीन बेटे हैं. जिसमें एक बेटा दिव्यांग है. राजकुमारी सतना जिले के चित्रकूट के पास मझगवां गांव की रहने वाली है. सूरत से वो अपने बच्चों से साथ सतना के लिए निकल पड़ी. जैसे-तैसे करके वो पन्ना तक पहुंची. इस दौरान राजकुमारी अपने दिव्यांग बेटे को लाठी में कपड़ा फंसाकर उसे झूलाकर बनाकर अपने कंधे पर लादे रही. लाठी का एक सिरा मां के कंधे पर रहता था तो दूसरा भाई के कंधे पर. 

ये भी पढ़ें-गुना सड़क हादसे में हुई मजदूरों की मौत पर CM शिवराज ने ट्वीट कर जताया दुख

राजकुमारी के मुताबिक सूरत से कुछ दूर पैदल चलने के बाद उन्हें एक बस मिल गई. बस वाले ने 200 रूपये किराया लिया और पन्ना नेशनल हाईवे पर ही उतार दिया. पन्ना से सतना की दूरी करीब 100 किलोमीटर की है. यहां से राजकुमारी अपने बच्चों के साथ पैदल ही, दिव्यांग बच्चे को कंधे पर लादकर गांव की ओर रवाना हो गई. स्थानीय लोगों ने जब ये सब देखा तो उन्होंने महिला से बात करने की कोशिश की और उसकी मजबूरी जानी. लोगों का कहना है कि इस महिला को बच्चे को इस तरह टांगा देख हमें बहुत ही हैरानी हुई. इसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी. 

बताया जा रहा है कि सूचना मिलने पर पन्ना तहसीलदार दीपा चतुर्वेदी ने एंबुलेंस भेजी और मां- बच्चों को पन्ना बाईपास स्थित मॉडल पब्लिक स्कूल में बने क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया. इसके बाद तहसीलदार और टीआई हरि सिंह ठाकुर ने इनके लिए बस की व्यवस्था कर इन्हें सतना के लिए रवाना कर दिया.

Watch LIVE TV-

Trending news