MP विधानसभा की टूटी परंपरा, कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद पर भी जमा लिया कब्जा
आमतौर पर मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आम सहमति से और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के विधायक को दिए जाने की परंपरा रही है.
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भोपाल: कांग्रेस की महिला विधायक हिना कांवरे को मध्य प्रदेश विधानसभा का उपाध्यक्ष चुन लिया गया. इसके साथ ही करीब तीन दशक पुरानी परंपरा टूट गई जिसके तहत विधानसभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष और उपाध्यक्ष विपक्ष का होता है. विपक्षी दल बीजेपी ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए और जमकर हंगामा भी किया. बता दें कि पहले बीजेपी ने अध्यक्ष पद के लिए विजय शाह को प्रत्याशी बनाकर परंपरा को तोड़ा तो कांग्रेस ने भी इसी राह पर चलते हुए हिना कांवरे को उपाध्यक्षी के लिए उतार दिया.
विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति ने विपक्षी दल के हंगामे के बीच गुरुवार को हिना कांवरे के प्रस्ताव पढ़े गए. बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवार जगदीश देवड़ा का प्रस्ताव भी स्वीकार करने की मांग की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया.
हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई. कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी दल ने हंगामा किया, इसी दौरान अध्यक्ष प्रजापति ने हिना कांवरे को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया.

बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष पर अलोकतांत्रिक तरीका अपनाने का आरोप लगाया, सदन में जमकर हंगामा किया. इस तरह विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कांग्रेस से हो गए हैं. बीजेपी ने जगदीश देवड़ा को उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया. बता दें कि विधानसभा का अध्यक्ष भी इसी प्रक्रिया के तहत चुना गया था.
राज्य में विधानसभा अध्यक्ष का लगभग पांच दशक बाद चुनाव हुआ और कांग्रेस के एन पी प्रजापति को अध्यक्ष चुना गया. आमतौर पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव आम सहमति से और उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के विधायक को दिए जाने की परंपरा रही है. इस बार विधानसभा अध्यक्ष को लेकर खींचतान हुई और अब उपाध्यक्ष को भी लेकर हंगामा हुआ है.
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