इंसानों की बीमारी 'मूर्ति'कारों पर भारी, दुर्गा पूजा के बावजूद मजबूर हैं कारीगर
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इंसानों की बीमारी 'मूर्ति'कारों पर भारी, दुर्गा पूजा के बावजूद मजबूर हैं कारीगर

कारीगर ने बताया कि कोरोना के कारण धंधा इतना मंदा है कि पहले जहां करीब 50 मूर्तियां बनाते थे तो इस बार सिर्फ 10 मूर्तियां ही बना रहे है. जो मूर्तियां बनी है उनके भी बिकने की उम्मीद नहीं है.

दुर्गा मूर्ति बनाने वाले कारीगर

टीकमगढ़: नवदुर्गा त्यौहार पर कोरोना वायरस का गहरा असर पड़ा है, जिसकी वजह से मूर्तिकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. त्यौहारी सीजन में भी उन्हें ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं. मूर्ति बनाने वाले कलाकारों ने बताया कि हर बार ग्राहक मनचाहे साइज के हिसाब से मूर्ति बनवाने के लिए एडवांस में ऑर्डर देते थे, लेकिन इस बार बुकिंग नहीं हो रही है जिसके चलते कारीगर खाली हाथ बैठने पर मजबूर हैं.

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मूर्ति गाइड लाइन के अनुसार बनायी 
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के चलते शासन ने पंडाल में 6 फीट से ज्यादा ऊंची प्रतिमा स्थापित करने पर प्रतिबंध लगाया है. मूर्तिकारों ने पिछले साल की अपेक्षा इस साल आधे से कम मूर्तियां शासन की गाइडलाइन के अनुसार बनायी हैं जिनके लिए भी ग्राहक नही पहुंच रहे हैं. कारीगर कहते हैं इतनी ही मूर्तियां बिक जाए तो बहुत है. 

कोरोना के चलते परिवार चलाना मुश्किल
कारीगर भरत ने बताया कि कोरोना के कारण धंधा इतना मंदा हैं कि जहां पहले करीब 50 मूर्तियां बनाते थे तो इस बार सिर्फ 10 मूर्तियां ही बना रहे है. जो मूर्तियां बनी है उनके भी बिकने की उम्मीद नहीं है. इन्हीं मूर्तियों को बेचकर वह अपना परिवार चलाते थे लेकिन अब परिवार चलना भी मुश्किल दिख रहा है. वहीं प्रमोद कसगर मूर्तिकार का कहना हैं कि पहले शहर में हर मोहल्ले में दो-दो स्थानों पर मूर्तियां स्थापित की जाती थी लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते एक-एक मूर्ति स्थापित होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है.

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दुर्गा महोत्सव की यह गाइड लाइन है
1. प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची हो सकती है.
2. पंडाल का साइज भी 10 बाई 10 फीट अधिकतम होगा.
3. सामाजिक/सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के आयोजन में 100 से कम व्यक्ति ही रह सकते है.
4. कार्यक्रम की पूर्व से अनुमति लेनी जरूरी होगी.
5. किसी भी तरह के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी.
6. गरबे के कार्यक्रम भी नहीं होंगे. 
7. आयोजकों को कार्यक्रम के लिए अलग से जिला प्रशासन से लिखित अनुमति पहले से लेनी आवश्यक है.
8. झांकियों, पंडालों और विसर्जन के आयोजन में श्रद्धालु फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे.
9. शासन के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों का भी पालन करना होगा.
10. विसर्जन स्थल पर कम भीड़ होना चाहिए.

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