सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पिछले 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर काफी कम है.
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रायपुर: कोराेना संकट के बीच छत्तीसगढ़ के लिए एक अच्छी खबर आई है. राज्य में बेरोजगारी दर में ऐतिहासिक कमी आई है और अप्रैल 2020 में यह 3.4 फीसदी पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पिछले 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर काफी कम है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
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सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सितंबर 2018 में 22.2 प्रतिशत थी. लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया. पूरे देश में मनरेगा के तहत मिलने वाले रोजगार में अकेले छत्तीसगढ़ का हिस्सा 24% है. छत्तीसगढ़ की 9883 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों में 18 लाख 51 हजार 536 श्रमिक काम कर रहे हैं.
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सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की जारी ताजा रिपोर्ट में प्रदेश की बेरोजगारी दर 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2020
वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से जहाँ देश व्यापी बेरोजगारी की दर में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2020
इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत राज्य के किसानों के बैंक खातों में 900 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी छत्तीसगढ़ में कोरोना संकटकाल में भूपेश बघेल सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सराहा है. अपनी रिपोर्ट में आरबीआई ने छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास की दर को अन्य विकसित राज्यों की तुलना में काफी अच्छा बताया है. इस दौरान प्रदेश में वनोपज संग्राहकों को भी काफी राहत प्रदान की गई है.
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महुआ फूल का समर्थन मूल्य 18 रुपए प्रतिकिलो से बढ़ाकर 30 रुपए किया गया है. प्रदेश में 23 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है. द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड) के आंकड़ों की मानें तो लॉकडाउन पीरियड के दौरान छत्तीसगढ़ में 18.63 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की वनोपजों की खरीदी की गई है.
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