कोरोना काल में सावन की सोमती अमावस्या पर पहली बार सूनी रही भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट
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कोरोना काल में सावन की सोमती अमावस्या पर पहली बार सूनी रही भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने चित्रकूट में 55 घंटे के लिए लॉकडाउन करने के आदेश दिए हैं. कामदगिरि परिक्रमा पथ से लेकर मध्यप्रदेश के सतना क्षेत्र स्थित तीर्थ स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ लोग बाइक और कार से आए तो जरूर लेकिन सीमा सील होने के कारण रामघाट तक नहीं पहुंच सके.

फाइल फोटो

सतना: कोरोना संक्रमण का असर सतना के चित्रकूट में भी साफ नजर आ रहा है. जहां हर साल सावन की सोमती अमावस्या पर  मंदाकिनी नदी के रामघाट पर स्नान के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है. वहीं इस साल पहली बार रामघाट सूना नजर आया. 

बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने चित्रकूट में 55 घंटे के लिए लॉकडाउन करने के आदेश दिए हैं. कामदगिरि परिक्रमा पथ से लेकर मध्यप्रदेश के सतना क्षेत्र स्थित तीर्थ स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. कुछ लोग बाइक और कार से आए तो जरूर लेकिन सीमा सील होने के कारण रामघाट तक नहीं पहुंच सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा. 

सालों बाद पहली बार सुनसान रहा रामघाट
स्थानीय लोगों की मानें तो शायद सैकड़ों साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि सोमती अमावस्या को रामघाट पर स्नान के लिए श्रद्धालु नहीं आए. रामघाट पर मंदाकिनी स्नान और कामदगिरि परिक्रमा पथ पर किसी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया गया. यहां पर बैरियर और बेरीकेडिंग लगा दी गईं.

बता दें कि सोमवती अमावस्या के दौरान भक्तों का जमावड़ा ना लगे इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध किये गए हैं. पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है. चित्रकूट में चारों तरफ बैरीकेडिंग कर किसी को पैदल भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है.

चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के रामघाट पर सावन की सोमवती अमावस्या में हर साल विशाल मेला लगता रहा है. वर्षों से सोमवती अमावस्या के दिन लाखों लोग यहां स्नान के लिए आते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण प्रदेश की सीमाओं को सील दिया गया है. साथ ही सड़कों पर आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है.

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