देश का मान बढ़ा रही खंडवा की बेटी, वर्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंची
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देश का मान बढ़ा रही खंडवा की बेटी, वर्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंची

खंडवा जिले के बोरगांवखुर्द गांव की रहने वाली माधुरी पटेल ने मिट्टी के अखाड़े से कुश्ती का सफर तय किया. दो साल भोपाल में ट्रेनिंग के बाद आगे बढ़ी तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

यूरोप में रेसलिंग चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचीं माधुरी पटेल.

खंडवा (प्रमोद सिन्‍हा) : खंडवा की 16 साल की बेटी 'दंगल गर्ल' ने आज यूरोप में देश का नाम रोशन किया है. खंडवा के बोरगांव की पहलवान माधुरी पटेल ने बुल्गारिया में चल रही वर्ल्ड कैडेट रेशलिंग चेम्पियनशिप में 43 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बनाई है. आज माधुरी ने उज्बेकिस्तान ओर अजरबैजान की महिला रेसलर को पछाड़कर यह कारनामा किया है.

यूरोप में चल रही विश्व रेसलिंग प्रतियागिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली माधुरी पटेल ने एक बार फिर यह साबित किया कि लड़कियां हर फील्ड में किसी से कम नहीं है, वे भी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर सकती हैं. माधुरी के पहलवान पिता सहित जिले के लोगों को अब फाइनल में गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद है. इसी के लिए लोग शोसल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं.

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खंडवा जिले के बोरगांवखुर्द गांव की रहने वाली माधुरी पटेल ने मिट्टी के अखाड़े से कुश्ती का सफर तय किया. दो साल भोपाल में ट्रेनिंग के बाद आगे बढ़ी तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. माधुरी के पिता जगदीश पटेल भी पहलवान है और माधुरी को इन्होंने ही तैयार किया है. दरअसल माधुरी के पिता देश के लिए खेलना चाहते थे पर पारिवारिक कारणों से वह यह कर पाने में सफल नहीं हो पाए.

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इसलिए उन्होंने अपनी बेटी माधुरी को दंगल में उतारा और इस दंगल गर्ल ने अपने पिता के सपने को पूरा करने की ठानी ओर आज यूरोप में विश्व रेसलिंग के सेमीफाइनल में जगह बनाई. माधुरी के पिता अपने आसपास के गांव के लड़के लड़कियों को पहलवानी सिखाते है.
माधुरी के सेमीफाइनल में पहुंचने पर पिता जगदीश पटेल बहुत खुश हैं. वह चाहते हैं कि माधुरी वहां से गोल्ड मेडल लाए और देश का नाम रोशन करे.

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