कोरोना का हॉटस्पॉट बना इंदौर,6 लोगों में यूके स्ट्रेन की पुष्टि,लग सकता है नाइट कर्फ्यू
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कोरोना का हॉटस्पॉट बना इंदौर,6 लोगों में यूके स्ट्रेन की पुष्टि,लग सकता है नाइट कर्फ्यू

वर्तमान समय की बात करें तो इंदौर में कुल 1330 एक्टिव मरीज हैं. जिनमें से मात्र 369 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं. बाकी मरीज होम आइसोलेशन में हैं.

कोरोना का हॉटस्पॉट बना इंदौर,6 लोगों में यूके स्ट्रेन की पुष्टि,लग सकता है नाइट कर्फ्यू

शैलेंद्र सिंह/इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना का खतरा खत्म होते-होते दोबारा बढ़ गया है. एक बार फिर कोरोना के मामले में इंदौर शहर मध्य प्रदेश का हॉटस्पॉट बना हुआ है. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मरीज इंदौर से ही सामने आ रहे हैं. वर्तमान समय की बात करें तो इंदौर में यूके स्ट्रेन के 6 मरीज पाये गए हैं.106 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें से 6 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.किसी भी मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री का पता नहीं चल पाया है.

प्रशासन की चिंता काफी बढ़ गई है. अगर केस इसी तरह से बढ़ते रहे तो नाइट कर्फ्यू भी लगाना पड़ सकता है.इंदौर में कोरोना के कुल 1330 एक्टिव मरीज हैं. जिनमें से मात्र 369 मरीज ही अस्पतालों में भर्ती हैं. बाकी मरीज होम आइसोलेशन में हैं.जबकि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए लगभग 4000 बेड आरक्षित किए हुए हैं.

बात अगर वैक्सीनेशन की करें तो फ्रंटलाइन वर्कर और स्वास्थ्य कर्मचारियों को मिलाकर कुल लगभग 70 हजार लोगों का वेक्सीनेशन हो चुका है. वहीं तीसरे फेज में जहां 60 साल से अधिक उम्र वालों को 1 मार्च से वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है.गुरुवार शाम तक 11 हजार लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई. लोगों में कोरोना वैक्सीन लगवाने के उत्साह को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सेंटर्स की संख्या 10 से बढ़ाकर 55 कर दी है. 

हाई कोर्ट द्वारा कोरोना वैक्सीन को भारत से बाहर भेजने को लेकर टिप्पणी को लेकर इंदौर वासियों का कहना है कि यह बात बिल्कुल सही है. इंदौर सहित पूरे देश में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि आयु सीमा के दायरे को खत्म किया जाए और सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाए और कोरोना से बचा जा सके. लेकिन भारत सरकार ऐसा नहीं कर रही है.

इस कारण बढ़ रहा कोरोना का खतरा
इसके साथ ही लोगों का कहना है कि भले ही वैक्सीन आ गई है लेकिन कोरोना का खतरा टला नहीं है. अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना अनिवार्य है. लेकिन जिस तरीके से स्कूल कॉलेज, मॉल और बाजार खोल दिए गए हैं. उससे अब लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है.

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