Fake Currency in Indore: इंदौर के एक होटल से नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जहां हाई-क्वालिटी के नकली नोट तैयार किए जा रहे थे. क्राइम ब्रांच ने मौके से प्रिंटर, लैपटॉप, लेमिनेटर और लाखों रुपये की फर्जी करेंसी बरामद की है.
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Indore News: इंदौर में नकली नोट छापने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. क्राइम ब्रांच ने होटल के एक कमरे में चल रही फर्जी करेंसी फैक्ट्री पर छापा मारकर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से खास तरह के प्रिंटर, लेमिनेटर, कम्प्यूटर और लाखों रुपये के तैयार नकली नोट बरामद किए गए हैं. ये नोट असली जैसे दिखते हैं कि पहली नजर में पहचानना काफी मुश्किल हो रहा है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह गिरोह मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में नकली नोटों का नेटवर्क फैला चुका था. आपको बता दें कि गिरफ्तार आरोपियों में से तीन युवक छिंदवाड़ा, दो भोपाल और एक गुजरात से हैं. इनमें से छिंदवाड़ा का अब्दुल शोएब आर्ट एंड डिजाइन में ग्रेजुएट है, जो बेरोजगारी के चलते सोशल मीडिया पर नकली नोट छापने के ग्रुप्स से जुड़ गया. फिल्म ‘फर्जी’ से प्रभावित होकर वह इस काम की ओर बढ़ा और जल्द अमीर बनने के लालच में गिरोह खड़ा कर लिया. इसके बाद उसने डिजिटल तरीके से नोट डिजाइन करने के लिए गुजरात के मयूर से संपर्क किया और धीरे-धीरे अन्य बेरोजगार युवाओं को जोड़ लिया.
जांच एजेंसियों को किया गया अलर्ट
वहीं इसको लेकर सरकार की तरफ से भी अलर्ट जारी किया गया है कि बाजार में नोट नकली ₹500 के नोट बड़ी मात्रा में आ चुके हैं, जिन्हें पहचानना काफी मुश्किल हो रहा है. इन नोटों में छोटी-सी लेकिन अहम गलती है. गृह मंत्रायल की तरफ से कहा कि ‘RESERVE BANK OF INDIA’ में 'E' की जगह 'A' लिखा गया है. मंत्रालय ने बैंकों और जांच एजेंसियों को इन नोटों को लेकर सतर्क कर दिया है.
इंदौर में छापे जा रहे थे फर्जी नोट
जिस तकनीक से इंदौर में नोट छापे जा रहे थे, उसमें वाटरमार्क, सीरियल नंबर और रंगों की हूबहू नकल की गई थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह गिरोह सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर की चुनौती बन चुका था. ऐसे में गृह मंत्रालय की चेतावनी और पुलिस की कार्रवाई एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं.
सरकार की आम लोगों से अपील
सरकार की तरफ से आम लोगों से अपील की गई है कि नकद लेनदेन के समय नोटों की सावधानीपूर्वक जांच करें और किसी भी संदिग्ध नोट की सूचना तुरंत पुलिस या बैंक को दें. इंदौर जैसी घटनाएं इस बात का संकेत हैं, कि फर्जी करेंसी का नेटवर्क सिर्फ सीमा पार से ही नहीं, बल्कि देश के अंदर से भी संचालित हो सकता है.