MP में यहां खुलने जा रहा पहला सरकारी IVF सेंटर, निःसंतान दंपतियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2681417

MP में यहां खुलने जा रहा पहला सरकारी IVF सेंटर, निःसंतान दंपतियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

MP News: इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आईवीएफ सेंटर खुलने वाला है.  इस सेंटर के शुरू होने से प्रदेश के निःसंतान दंपतियों को कम फीस पर आईवीएफ का इलाज मिल सकेगा.

 

indore ivf center
indore ivf center

Bhopal IVF Center: इंदौर स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रदेश के निःसंतान दंपतियों के लिए एक उम्मीद की किरण बन उनके जिंदगी में संतान प्राप्ती का सुख देने वाला है. दरअसल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है, जिसकी मदद से कम लागत में अब निःसंतान दंपती संतान प्राप्ती के लिए आईवीएफ की सहायता ले सकेंगे. इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने 10 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर भोपाल भेज दिया है. 

क्या होता है IVF
विशेषज्ञों के अनुसार, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF गर्भधारण की एक कृत्रिम प्रक्रिया होती है. जिसके माध्यम से पैदा हुए बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है. आईवीएफ के प्रक्रिया की बात की जाए तो इसमें पुरुष और महिला दोनों की जांच के बाद ही सारा प्रॉसेस शुरू होता है. सबसे पहले पुरुष के सक्रिय शुक्राणु को अलग किया जाता है, जबकि महिला के अंडे को इंजेक्शन से निकालकर लैब में फ्रीज किया जाता है. फिर महिला के फ्रिज्ड अंडों पर सक्रिय शुक्राणु को रखकर इसे प्राकृतिक रूप से फर्टिलाइज किया जाता है. तीसरे दिन भ्रूण तैयार होने पर उसे महिला के गर्भाशय में कैथिटर की मदद से स्थानांतरित किया जाता है. इस प्रक्रिया की मदद से एक निःसंतान दंपती को संतान प्राप्ती का सुख मिलता है.

प्रदेश का पहला सरकारी IVF सेंटर
अमूमन तौर पर आईवीएफ की प्रक्रिया काफी महंगी होती है. जिसकी वजह से कई दंपती इसका लाभ नहीं ले पाते हैं. लेकिन इंदौर में शुरू होने जा रहे पहले सरकारी आईवीएफ सेंटर से उन सभी निःसंतान दंपतियों को फायदा होगा. जो धनराशि के अभाव में निजी आईवीएफ सेंटर में उपचार नहीं करवा पाते हैं. इसके लिए प्रदेश में लंबे समय से योजना बनाई जा रही थी, जिसे भोपाल से अनुमति मिलने के बाद शुरू कर दिया जाएगा. बताया जा रहा कि इंदौर में इस सेंटर के खुल जाने के बाद से इंदौर के साथ-साथ संभाग के अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, धार जिलों के मरीजों भी इसका लाभ ले सकेंगे. 

फिलहाल इंदौर शहर में प्राइवेट सेक्टर में अभी करीब 30 आईवीएफ सेंटर संचालित हैं, जहां बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोग पहुंचते भी हैं लेकिन मंहगी फीस होने के कारण कई लोग लौट जाते है. इंदौर में सरकारी स्तर पर  आईवीएफ  सेंटर के खुलने के बाद प्रदेश का हर गरीब और जरूरतमंद इसका लाभ ले सकेगा.

Trending news

;