MP GK: भारत एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न संस्कृतियां, भाषाएं और परंपराएं एक साथ रहती हैं. यहां कई अलग-अलग क्षेत्रों के रहन-सहन खानपान और भाषाएं अलग-अलग हैं. भारत का हर शहर अपने किसी ना किसी पहचान के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में एक ऐसा भी शहर है, जहां एक भी भिखारी नहीं हैं. अगर नहीं तो चलिए जानते हैं....
भारत में एक भारत में एक ऐसा शहर है जिसने एक अनूठी पहचान बनाई है. यह शहर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है जहां अब आपको सड़कों पर एक भी भिखारी नजर नहीं आएगा.
यह शहर देश का पहला "बेगर-फ्री" शहर बन गया है. इस बदलाव ने शहर की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी है. यही नहीं अगर यहां कोई भीख लेते हुए या देते हुए देखा जाता है तो उस पर FIR भी दर्ज की जाती है. अब आप सोच रहे होंगे ऐसा कौन सा शहर है जो पूरी तरह भिखारी मुक्त हैं तो चलिए जानते हैं...
दरअसल, हम जिस शहर की बात कर रहे हैं, वो कोई ऐसा वैसा शहर नहीं है, बल्कि देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर है. इंदौर ने भीख मांगने की समस्या को खत्म करके देश का पहला "भीख मुक्त शहर" बनने का गौरव हासिल किया है.
इस उपल्बधि को हासिल करने के लिए फरवरी 2024 में जिला कलेक्टर की अगुवाई में एक खास अभियान चलाया गया था. इस अभियान के तहत सड़क पर भीख मांगने वाले लोगों को मदद और सहारा देकर उन्हें बेहतर जीवन दिया है.
यहां प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया है कि 1 जनवरी 2025 से भिखारी को भीख देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. यही नहीं इंदौर प्रशासन ने बीते जुलाई में भी ऐलान किया था कि बच्चों का भीख मांगना और उनसे सामान खरीदना जुर्म है.
अधिकारियों के मुताबिक, एक साल पहले तक यहां की सड़कों पर करीब 5,000 भिखारी रहा करते थे, जिनमें 500 बच्चे भी शामिल थे. लेकिन अब, प्रशासन ने बताया कि इन सभी को या तो पुनर्वास कर दिया गया है या उन्हें बेहतर रास्तों की ओर बढ़ा दिया गया है. ऐसे में अब इंदौर की सड़कों पर आपको कोई भिखारी नहीं दिखाई देगा.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने एक मुहिम शुरू की हुई है. जिसका लक्ष्य देश को भिक्षावृत्ति मुक्त भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान सर्वेक्षण और पुनर्वास दिशानिर्देशों के अनुसार निगरानी सुनिश्चित करना है. इसी क्रम में इंदौर भारत का पहला ऐसा शहर बन गया है, जहां आपको सड़कों पर भिखारी नजर नहीं आएंगे.
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