जबलपुर: कोरोना में बंद हुए स्कूल तो आदिवासी बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रही वैष्णवी
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जबलपुर: कोरोना में बंद हुए स्कूल तो आदिवासी बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रही वैष्णवी

बरखेड़ा की रहने वाली वैष्णवी मेहरा ने बायोलॉजी विषय से 12वीं पास किया है. वैष्णवी का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से स्कूल बंद हैं. जिसके चलते बच्चें स्कूल नहीं जा पा रहा हैं. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए वे उप स्वास्थ्य केंद्र में पढ़ाती हैं. 

बरखेड़ा उपस्वास्थ्य केंद्र पर पढ़ाती वैष्णवी

जबलपुर: कोरोना काल में एक तरफ जहां पूरे देश में स्कूलों में ताले लटक रहे हैं, वहीं जबलपुर जिले के सुदूर आदिवासी इलाके बरखेड़ा में बच्चों की कक्षाएं लगाई जा रही हैं. ये कक्षाएं यहीं की रहने वाली 12वीं पास वैष्णवी मेहरा की तरफ से संचालित की जाती हैं. इस दौरान बच्चे मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर पढ़ाई करते हैं. 

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जिले के बरखेड़ा की रहने वाली वैष्णवी मेहरा ने बायोलॉजी विषय से 12वीं पास किया है. वैष्णवी का कहना है कि कोरोना संकट की वजह से स्कूल बंद हैं. जिसके चलते बच्चें स्कूल नहीं जा पा रहा हैं. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए वे उप स्वास्थ्य केंद्र में पढ़ाती हैं. 

वैष्णवी ने बताया कि दोपहर 1 बजे के बाद उप स्वास्थ्य केंद्र बंद हो जाता है, जिसके बाद यह खाली हो जाता है. इसी समय यहां पर 9वीं तक के छात्रों को पढ़ाई के लिए बुलाया जाता है. जब कक्षाएं शुरू हुई थी तो सिर्फ 2 या 3 छात्र ही पढ़ाई के लिए आते, लेकिन अब हर दिन 15 से 20 बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं. 

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वैष्णवी की पढ़ाई से बच्चों के साथ-साथ गांव वाले भी खुश हैं. ग्रामीण परशुराम तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर सरकार के प्रयास ग्रामीण इलाकों में नाकाफी साबित हो रहे हैं. लेकिन वैष्णवी के इस कदम से बच्चों को ज्ञान मिल रहा है और उनका कोर्स भी नहीं पिछड़ रहा है. 

ग्रामीणों ने बताया कि वैष्णवी जब पढ़ाती है तो बच्चे मन लगाकर पढ़ते हैं. कक्षाओं की शुरूआत राष्ट्रगान से की जाती है.

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