चुनाव नतीजों से पहले पटवारी ने जताई आशंका, शिवराज सरकार डाल सकती है आपकी जेब पर बोझ..!!
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चुनाव नतीजों से पहले पटवारी ने जताई आशंका, शिवराज सरकार डाल सकती है आपकी जेब पर बोझ..!!

मध्य प्रदेश में मंगलवार को वोटिंग खत्म हो चुकी है. अब 10 नवंबर को घोषित होने वाले नतीजे तय करेंगे कि सूबे में शिव का राज बरकरार रहेगा या नहीं. इन नतीजों से पहले राजनीतिक दलों में तीखी बयानबाजी का दौर जारी है.

फाइल फोटो

भोेपाल: मध्य प्रदेश में मंगलवार को वोटिंग खत्म हो चुकी है. अब 10 नवंबर को घोषित होने वाले नतीजे तय करेंगे कि सूबे में शिव का राज बरकरार रहेगा या नहीं. इन नतीजों से पहले राजनीतिक दलों में तीखी बयानबाजी का दौर जारी है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने चुनावी नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका जताई है. उनके आरोप पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है. 

'खजाना भरने के लिए नए टैक्स लाद सकती है सरकार' 
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि शिवराज सरकार का खजाना खाली हो चुका है. वो अपना खजाना भरने के लिए नए टैक्स लाद सकती है. बीजेपी सरकार पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर महंगा कर सकती है. उन्होंने दावा किया कि  10 नवंबर को शिवराज सरकार जा रही है, और कमलनाथ सरकार आ रही है. 

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बीजेपी ने किया पटवारी पर पलटवार
वहीं जीतू पटवारी के बयान पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि कांग्रेस अपनी सुध ले, सरकार की चिंता नहीं करें. बीजेपी बखूबी सरकार चला रही है. और 10 नवंबर के बाद भी प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार चलेगी. 

लगातार कर्ज ले रही शिवराज सरकार
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति पहले ही चरमराई हुई थी, अब कोरोना काल में राज्य पर आर्थिक संकट और गहरा गया है. मध्य प्रदेश की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 169 दिन के कार्यकाल में 8000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुके हैं. शिवराज सरकार प्रदेश में वित्तीय प्रबंधन के लिए लगभग हर महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के माध्यम से कर्ज ले रही है. शिवराज सरकार ने एक बार फिर से 1000 करोड़ का कर्ज लिया है.मौजूदा वित्तीय वर्ष में अब तक 8000 करोड़ रुपए का कर्ज शिवराज सरकार ले चुकी है. कोरोना संकट की वजह से राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य को लगभग साढ़े 14 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेने की सशर्त अनुमति दी है. इसे मिलाकर राज्य सरकार ने वर्ष 2020-21 में 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज ले सकती है.

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