महाकाल की नगरी में रात्रि विश्राम नहीं करेंगे सिंधिया-शिवराज, क्योंकि उज्जैन का है सिर्फ एक ही 'महाराज'
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महाकाल की नगरी में रात्रि विश्राम नहीं करेंगे सिंधिया-शिवराज, क्योंकि उज्जैन का है सिर्फ एक ही 'महाराज'

अपने तय कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार देर शाम ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना होंगे. 

सांकेतिक तस्वीर

उज्जैन: उज्जैन में भाजपा विधायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग शुरू हो चुका है. शिविर में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार सुबह 11.30 बजे उज्जैन पहुंचे. ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरोत्तम मिश्र, प्रहलाद पटेल, ओम प्रकाश धुर्वे, फग्गन सिंह कुलस्ते, पंकजा मुंडे इत्यादि नेता प्रशिक्षण वर्ग में मौजूद रहे. इन सबकी उपस्थिति में दोपहर 12:18 बजे   मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर भाजपा के महा प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ किया.

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126 विधायक और 31 मंत्रियों का लगेगा जमावड़ा
भाजपा के इस प्रशिक्षण शिविर में 126 विधायक शामिल होंगे. इनमें 31 मंत्री भी शामिल हैं. इनके अलावा मध्य प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के पदाधिकारी, सभी संभागों के संगठन के मंत्री भी प्रशिक्षण वर्ग में शामिल होंगे. कुल 400 से ज्यादा जनप्रतिनिधि और नेता इसमें शिरकत करेंगे.
 
अपने तय कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार देर शाम ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना होंगे. दोनों इंदौर में ही रात्रि विश्राम करेंगे. इंदौर में रात रुककर सुबह फिर दोनों दिग्गज नेता उज्जैन प्रशिक्षण स्थल रवाना होंगे. हालांकि केंद्रीय दल के सभी तमाम दिग्गज 2 दिन महाकाल की नगरी में ही विश्राम करेंगे. महाराज और मुखिया के उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं करने की वजह बहुत दिलचस्प है.

उज्जैन में क्यों नहीं रुकते हैं सत्ताधीश, जानिए
मान्यता है कि उज्जैन में महाकाल बाबा के अलावा किसी और राजा के रुकने की इजाजत नहीं है. क्योंकि अवंतिका नगरी उज्जैन के राजा कालों के काल महाकाल ही हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी राजा या मुख्यमंत्री उज्जैन में रात्रि विश्राम करेगा उसके हाथ से सत्ता चले जाना निश्चत है, या फिर किसी बड़े नुकसान का होना संभव है.

इसी डर के चलते आज भी सत्ताधारी यहां रात नहीं गुजारते. सीएम और सिंधिया कई बार उज्जैन आए लेकिन कभी रात्रि विश्राम नहीं किया. शिवराज इस समय सूबे के मुखिया हैं, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया राजवंश से ताल्लुक रखते हैं.

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मोरार जी और येदियुरप्पा की कुर्सी चली गई थी
देश के चौथे प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई उज्जैन में एक रात रुके थे, अगले ही दिन उनकी सरकार चली गई. वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी उज्जैन में एक रात रुके और 20 दिन बाद ही उनको मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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