ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, 'विपक्ष को मेरे लिए लड़ने की जरूरत नहीं, मैं खुद सक्षम हूं'
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ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, 'विपक्ष को मेरे लिए लड़ने की जरूरत नहीं, मैं खुद सक्षम हूं'

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''मैं अपने आप के नही लिए लड़ रहा हूं. मैं प्रदेश की जनता के लिए लड़ रहा हूं. जो मैं पिछले 16-17 वर्षों से कर रहा हूं. यह कोई नई बात नहीं है. मैंने जो रास्ता लिया है वह जनसेवा का रास्ता है. जनसेवा में हमें लोगों का मुद्दा उठाना जरूरी है."

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया.

भोपाल: कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने सड़क पर उतरने वाले बयान को लेकर भाजपा की ओर से आ रही प्रतिक्रिया पर चुप्पी तोड़ी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना में दिए गए एक बयान में कहा कि विपक्ष को उनके लिए लड़ने की जरूरत नहीं है. वह खुद लड़ने के लिए सक्षम हैं. 

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''मैं अपने आप के नही लिए लड़ रहा हूं. मैं प्रदेश की जनता के लिए लड़ रहा हूं. जो मैं पिछले 16-17 वर्षों से कर रहा हूं. यह कोई नई बात नहीं है. मैंने जो रास्ता लिया है वह जनसेवा का रास्ता है. जनसेवा में हमें लोगों का मुद्दा उठाना जरूरी है. मैंने यही कहा है कि एक साल हुआ है, सब्र रखना है. हमारे वचन पत्र में जो भी लिखा है, हम 5 साल में पूरा करेंगे अगर पूरा नहीं हुआ तो हमें जनता के साथ खड़ा रहना होगा.''

दिग्विजय सिंह से हर महीने मुलाकात होती रहती है
दिग्विजय सिंह से मुलाकात पर ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, ''बड़ी अजीब बात है. दिग्विजय सिंह से आज पहली बार मुलाकात हो रही क्या? राजा साहब से मेरी पहली बार मुलाकात नहीं हो रही. हर महीने मुलाकात होती है. कोई बड़ी बात नहीं है. आज गुना में हैं, कल दिल्ली में हैं, परसों कहीं और. मुलाकात होती रहती है.''

राज्यसभा भेजना है या नहीं कांग्रेस पार्टी तय करेगी 
मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने पर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी. जो कांग्रेस पार्टी तय करेगी उसके साथ मैं सहमत हूं. पीसीसी चीफ का फैसला अब तक नही होने के सवाल पर सिंधिया बोले, "वह आप महासचिव से पूछें. मुझसे क्या पूछ रहे हैं."

डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर क्या बोले सिंधिया?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ''अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं. उनका स्वागत हो रहा है. होना भी चाहिए और उसी के साथ भारत के हित में भी मुद्दे उठने चाहिए. केवल मुद्दे उठने ही नहीं चाहिए, मुद्दों का निचोड़ भी निकलना चाहिए. किसी भी देश का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति का भारत में धूमधाम से स्वागत होना चाहिए. अतिथि देवो भव: की हमारी संस्कृति है. इस 2 दिन के दौरे में भारत के लिए भी अच्छे परिणाम निकलें इस बात पर सबसे ज्यादा मूल्यांकन हमें करना है.''

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