कांग्रेस ने सोकसभा और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने को लेकर विरोध किया था. लेकिन, सिंधिया ने इसके बावजूद ट्वीट करके आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन कर दिया.
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भोपाल: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने के बाद से ही कांग्रेस में दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं. एक के बाद एक कई बड़े कांग्रेस नेताओं ने इसके समर्थन में अपनी राय जाहिर की. राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर मंगलवार (6 जुलाई) को अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया. वहीं, सिंधिया के इस ट्वीट के बाद से ही मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं में असमंजस के हालात बन गए हैं.
दरअसल, कांग्रेस ने सोकसभा और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने को लेकर विरोध किया था. लेकिन, सिंधिया ने इसके बावजूद ट्वीट करके आर्टिकल 370 हटाने का समर्थन कर दिया. वहीं, अब सिंधिया समर्थक सकते में है और बयान देने से हिचकिचाने लगे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अभी भी पार्टी लाइन के साथ ही हैं. सबसे ज्यादा मुसीबत सिंधिया समर्थक मंत्रियों के साथ है. जो ना सिंधिया के सुर में सुर मिला पा रहे हैं और ना ही पार्टी लाइन के मुताबिक बयान दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थक कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट कहते हैं कि मैं अपने नेता के बयान पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं. सिंधिया खेमे से ही आने वाले स्कूली शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी भी अपनी राय देने से बचते हुए कहते हैं कि सबकी अपनी-अपनी राय है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी सिंधिया के बयान पर जवाब देने से बचते हुए कहते हैं कि कांग्रेस ने देश की आजादी के लिए काम किया है. सरकार के प्रवक्ता और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा सिंधिया के बयान के मामले में जवाब देने के सवाल पर जवाब को टाल जाते हैं और पार्टी लाइन पर बात करते हैं.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा, कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व सांसद जर्नादन द्विवेदी भी अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन कर चुके हैं. हालांकि, कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगहों पर इसका जमकर विरोध किया.