प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे 10 लाख बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार मिलेगा. इस योजना पर 113 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आंगनवाड़ियों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडे बांटने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया. हालांकि, अंडा खाना पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा. जो अंडा नहीं खाएंगे, उन्हें उतने ही मूल्य के फल दिए जाने का प्रस्ताव है. कमलनाथ सरकार की यह योजना 1 अप्रैल 2020 से लागू होगी. इसके तहत आंगनबाड़ियों में पोषण आहार के तौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अंडे बांटे जाएंगे.
प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे 10 लाख बच्चों और महिलाओं को पोषण आहार मिलेगा. इस योजना पर 113 करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे. महिला एवं बाल विकास विभाग अब बजट के लिए फाइल वित्त विभाग को भेजेगा. अंडा बांटने के ऊपर सरकार का तर्क है कि बच्चो में पोषण बढ़ाने के लिए फल ,दूध के साथ अंडा जरूरी है. गौरतलब है कि वर्तमान में देश के 9 राज्यों में एक से पांच दिन तक अंडा दिया जा रहा है.
बता दें कि इस योजना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच काफी घमासान हुआ था. मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता इसे लागू करने के पक्ष में थे. वहीं, बीजेपी नेताओं ने इसे धर्मभ्रष्ट करने वाला तक बता दिया था. हालांकि, कई कांग्रेस नेताओं ने भी खुद शाकाहारी होने के चलते इस योजना को वैकल्पिक करने की मांग की थी. इसी के चलते अब यह योजना वैकल्पिक है.