कमलनाथ सरकार ने तैयार किया डायमंड प्लान, अब दुनियाभर में चमकेगा MP का हीरा
इसी तरह पन्ना जिले के महेन्द्र भवन में प्रदेश के सबसे बड़े डायमंड पार्क का निर्माण किया जाएगा. खनिज विभाग ने इन दोनों ही केन्द्रों की स्थापना के लिए जमीनों का चयन कर लिया है.
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भोपाल: कमलनाथ सरकार ने बुन्देलखण्ड में खनिज सम्पदा के माध्यम से रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठाए हैं. खनिज विभाग विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो (Khajuraho) में जल्द ही एक डायमंड म्यूजियम, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का पहला डायमंड नीलामी केन्द्र खोलने जा रहा है. इसी तरह पन्ना (Panna) जिले के महेन्द्र भवन में प्रदेश के सबसे बड़े डायमंड पार्क का निर्माण किया जाएगा. खनिज विभाग ने इन दोनों ही केन्द्रों की स्थापना के लिए जमीनों का चयन कर लिया है.
मध्यप्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल (Pradeep Jaiswal) ने कहा कि, छतरपुर जिले के बक्स्वाहा क्षेत्र में बंदर प्रोजेक्ट के अंतर्गत एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान की नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. वर्षों से अनुपयोगी पड़ी इस 55 हजार करोड़ की हीरा खदान के लिए देश की 5 बड़ी कंपनियों ने अपनी तकनीकी निविदाएं 13 नवंबर को जमा कर दी हैं. कंपनियों ने भारत सरकार के नियम अनुसार इसके लिए 56 करोड़ रूपए की सुरक्षा निधि भी जमा कर दी है.
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इस निविदा में शामिल होने के लिए सरकार ने कंपनियों की नेटवर्थ 1100 करोड़ रूपए की अनिवार्यता रखी थी. 27 नवंबर को इन तकनीकी निविदाओं का मूल्यांकन किया जाएगा और 28 नवंबर को इस खदान की प्रारंभिक बोली खोली जाएगी. खनिज विभाग का अनुमान है कि छतरपुर जिले के बक्स्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर प्रोजेक्ट की इस हीरा खदान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ किस्म के हीरे निकाले जा सकेंगे. इनकी कीमत लगभग 55 हजार करोड़ रूपए होगी. यहां 34 मिलियन कैरेट हीरे का भण्डार बनेगा. यह पन्ना की एनएमडीसी के दो मिलियन कैरेट डिपोजिट से 17 गुना भण्डार होगा. इस तरह से छतरपुर की यह मैकेनाइट डायमंड माइन्स एशिया की सबसे बड़ी डायमंड माइन्स होगी.
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कमलनाथ सरकार मध्य प्रदेश को हीरा प्रदेश के रूप में विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए यह कदम उठा रही है. खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का मानना है कि मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां खनिज सम्पदा के अपार भण्डार हैं तो वहीं कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी हैं. खनिज संसाधनों और पर्यटन संभावनाओं और रोजगार की दृष्टि से खनिज विभाग और पर्यटन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. चंदेलकालीन मंदिरों के नगर खजुराहो में मध्य प्रदेश के पहले डायमंड म्यूजियम और डायमंड ऑक्शन सेंटर की स्थापना के लिए जमीन चुन ली गई है.
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प्रदेश के इस पहले डायमंड नीलामी केन्द्र में हिस्सा लेने के लिए सूरत और मुंबई के बड़े हीरा कारोबारियों को खजुराहो बुलाया जा सकेगा. इससे न सिर्फ खजुराहो का आर्थिक विकास होगा बल्कि पर्यटन के माध्यम से रोजगार भी बढ़ेगा. पन्ना के महेन्द्र भवन में बनाए जा रहे डायमंड पार्क में भी हीरे से जुड़े काम प्रारंभ होने से स्थानीय कारोबारियों का खर्च घट सकेगा.
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