ग्वालियर एयरपोर्ट से सटे केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की खाली पड़ी 50 एकड़ से ज्यादा जमीन को वापस लेने की तैयारी है. प्रशासन ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर अनुमति के लिए राज्य सरकार के पास भी भेज दिया है.
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में एयरपोर्ट विस्तार और एयरलाइंस सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. मौजूदा एयरपोर्ट से सटे केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र (Central Potato Research Center) की खाली पड़ी 50 एकड़ से ज्यादा जमीन को वापस लेने की तैयारी है. प्रशासन ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर अनुमति के लिए राज्य सरकार के पास भी भेज दिया है.
दरअसल, आलू अनुसंधान केंद्र ने भी राज्य सरकार से ली गई जमीन का लीज रेंट स्थापना से अब तक जमा नहीं किया है और उनका आवंटन भी गलत प्रक्रिया में आ गया है. ऐसे में आलू अनुसंधान केंद्र से जमीन वापस ली जा सकती है और इस जमीन का उपयोग एयरपोर्ट विस्तार के साथ कार्गो एयरपोर्ट के लिए किया जा सकता है. उम्मीद जताई जा रही है कि ऐसा होने पर एयरलाइंस क्षेत्र में ग्वालियर और भी आगे बढ़ सकेगा. कलेक्टर अनुराग चौधरी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, मुख्य सचिव एसआर मोहंती को भी इसकी जानकारी दे दी है.
कलेक्टर अनुराग चौधरी का कहना है कि ग्वालियर के मौजूदा एयरपोर्ट पर ही विस्तार की संभावनाएं हैं और इसके लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की करीब 50 एकड़ जमीन को लेकर विस्तार व कार्गो एयरपोर्ट तैयार करने की प्लानिंग है. इसके लिए जमीन की जानकारी व प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया गया है. वहां से निर्णय होने पर आगे की कार्रवाई की जएगी. साथ ही बोइंग 737 को ग्वालियर एयर ट्रैफिक से जोड़ने के लिए कवायद चल रही है.
बता दें कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर बीते दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी, स्थानीय प्रशासन के अफसरों की एयरफोर्स स्टेशन प्रबंधन के साथ बैठक हुई थी. जिसमें बोइंग 737 के हिसाब से एयरपोर्ट को तैयार कराने पर चर्चा व निर्णय हुए. अब इन निर्णय के अनुसार एयरपोर्ट अथॉरिटी को एयरफोर्स मुख्यालय से विस्तार कार्यों के लिए अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है.
ग्वालियर में कार्गो एयरपोर्ट तैयार होने पर एविएशन सेक्टर को बड़ा निवेश मिलेगा. यहां कार्गो प्लेन और पैसेंजर प्लेन की पार्किंग समेत दूसरी सुविधाओं से इनकम होगी. अब तक की प्लानिंग के अनुसार यहां कार्गों एयरपोर्ट बनने के बाद प्लेन हैंगर, मेंटेनेंस के भी काम हो सकेंगे. सरकार और इच्छुक कंपनी ज्वाइंट वेंचर में इस प्रोजेक्ट पर काम करने की प्लानिंग में है.