नई दिल्ली/भोपाल: मध्‍य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शनिवार को प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर दी. कांग्रेस आलाकमान की ओर से जारी पत्र में 19 उपाध्यक्ष, 25 महासचिव और 40 सचिव बनाए गए हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रदेश में दोनों ही मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. वहीं, प्रदेश कांग्रेस में नई कार्यकारिणी की घोषणा ना होने से कुछ नेता चिंता में थे. गौरतलब है कि प्रदेश के नए कांग्रेस अध्‍यक्ष बनने के बाद से कमलनाथ अभी तक कांग्रेस कमेटी का गठन नहीं किया था. सूत्रों की मानें तो, कमेटी पर अंतिम फैसला कांग्रेस आलाकमान को करना था. जिसके चलते इस फैसले में कुछ देर हो गई. वहीं, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की कार्यकारिणी में कई नामों पर पुनर्विचार करने के बाद उन्हें हटाया भी गया है. 


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पांच पदाधिकारियों से ही चला रहे थे कार्यभार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अभी तक सिर्फ पांच पदाधिकारियों की टीम के साथ काम कर रहे थे. पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सांसद कमलनाथ ने कार्यकारिणी भंग कर दी थी. अध्यक्ष बनने के दो महीने बाद भी उनकी नई टीम नहीं बन पाई थी. इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. आपको बता दें कि अप्रैल में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था. कमलनाथ ने एक मई को पदभार का काम संभाला था. पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा के साथ ही उन्होंने तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था. कमलनाथ की पीसीसी में पहली पांच नियुक्तियां चंद्रप्रभाष शेखर को संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष, राजीव सिंह को महामंत्री प्रशासन, गोविंद गोयल को कोषाध्यक्ष, मानक अग्रवाल को मीडिया प्रभारी और पीसीसी अध्यक्ष का मीडिया प्रभारी नरेंद्र सलूजा के रूप में हुई थीं. 



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कई नेताओं के नाम पर हुई चर्चा
कमलनाथ ने अब तक केवल चुनावी समितियां ही बनाईं थी. कांग्रेस के कई नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने का इंतजार था. हर गुट चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में जगह बनाना चाहता था. कमलनाथ के पास गुटीय नेताओं की लंबी चौड़ी लिस्ट पहुंची थी. कार्यकारिणी के गठन को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच कई बार बातचीत हुई थी.